
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही बाहर खाने-पीने के शौकिनों को रहात देने की तैयारी में है वहीं उसके एक फैसले से मरीजों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। खान-पान के बिल में सर्विस चार्ज जोडऩे वाले होटल व रेस्तरां मालिकों में सरकार नकेल कसने की तैयारी में है। ग्राहकों को सर्विस चार्ज वसूलने वाले होटल व रेस्तरां मालिकों के खिलाफ कंज्यूमर फोरम में अपील का अधिकार देने की कवायद चल रही है। नए फैसले के लागू होने के बाद ग्राहक सर्विस चार्ज के खिलाफ उपभोक्ता फोरम के साथ सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटक्शन अथॉरिटी में भी अपील कर सकेंगे। वहीं दूसरी तरफ सरकार निजी अस्पताल में उपचार को और ज्यादा महंगा करके आम आदमी की कमर तोड़ रही है।
अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए आईसीयू को छोडक़र 5,000 रुपए से अधिक किराए वाले कमरों पर पांच फीसदी जीएसटी देना होगा। यानि निजी अस्पतालों में इलाज आपके लिए महंगा होने जा रहे है। जिससे मरीजों के तीमारदारों के लिए मश्किलें बढ़ सकती है। आम आदमी को ये झटका 18 जुलाई से लगने वाला है। आम आदमी पहले ही महंगाई से परेशान है लेकिन जीएसटी काउंसिल के फैसलों से महंगाई के और बढऩे की संभावना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की दो दिनों की बैठक में ये निर्णय लिया गया है।
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