मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) के सभी सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों को कॉल आने पर अब अनिवार्य रूप से नमस्ते के बजाय ‘वंदे मातरम’ (‘Vande Matram’) कहना होगा. महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुंगतीवार ने इसकी घोषणा की. उन्होंने रविवार को कहा कि राज्य सरकार के सभी अधिकारियों को कार्यालयों में फोन कॉल आने पर नमस्ते के बजाय ‘वंदे मातरम’ कहना होगा. इसके लिए जल्द ही एक आदेश जारी किए जाएगा.
औपचारिक सरकारी आदेश 18 अगस्त तक
मुंगतीवार ने कहा, हम आजादी के 76वें साल में प्रवेश कर रहे हैं. हम अमृत महोत्सव (स्वतंत्रता का) मना रहे हैं. इसलिए मैं चाहता हूं कि अधिकारी नमस्ते के बजाय फोन पर ‘वंदे मातरम’ कहें. उन्होंने कहा कि औपचारिक सरकारी आदेश 18 अगस्त तक आ जाएगा. उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं कि राज्य के सभी सरकारी अधिकारी अगले साल 26 जनवरी तक ‘वंदे मातरम’ (फोन पर) कहें.
इस बीच राजनीतिक उथल-पुथल(Political upheaval) और हाल ही में महाराष्ट्र में 18 मंत्रियों के शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज राज्य मंत्रिमंडल में नव नियुक्त मंत्रियों को विभागों के आवंटन की घोषणा की, जिसमें उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को प्रमुख भूमिकाएं और मंत्रालय मिले.
शिंदे सामान्य प्रशासन, शहरी विकास, सूचना और जनसंपर्क, लोक निर्माण विभाग(Public Works Department) और कई अन्य प्रमुख विभागों को देखेंगे जो अन्य मंत्रियों को आवंटित नहीं किए गए हैं.
फडणवीस (fadnavis) के पास गृह, वित्त और योजना, कानून और न्याय, जल संसाधन और कमांड एरिया विकास, आवास, ऊर्जा, प्रोटोकॉल विभाग होंगे. वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल को उच्च और तकनीकी शिक्षा, कपड़ा उद्योग और संसदीय कार्य आवंटित किया गया था, जबकि रवींद्र चव्हाण को लोक निर्माण (सार्वजनिक उद्यमों को छोड़कर), खाद्य और नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय सौंपा गया था.
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