
लखनऊ । लखनऊ की एक स्पेशल कोर्ट (A Special Court in Lucknow) ने रेलवे के एक रिटायर 82 वर्षीय कर्मचारी (82-year-old Retired Railway Employee) को 100 रुपये घूस लेने पर (For Taking Bribe of Rs. 100) एक साल जेल की सजा सुनाई (Sentenced to One Year in Jail) । 82 वर्षीय रेलवे के पूर्व कर्मचारी पर साल 1991 में 100 घूस लेने का आरोप था। 82 वर्षीय बुजुर्ग अपनी उम्र का हवाला देता रहा, लेकिन स्पेशल जज अजय विक्रम सिंह ने उसे राहत देने से इनकर कर दिया और कहा कि राहत दे दी तो इससे सोसाइटी में बहुत खराब मैसेज जाएगा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक दोषी राम नारायण वर्मा ने कोर्ट को बताया कि घटना 32 साल पहले की है और वह पहले ही 2 दिन जेल में बिता चुका है, इसलिए उसकी सजा पर पुनर्विचार किया जाए। हालांकि कोर्ट ने कहा कि 2 दिन की जेल नाकाफी थी और एक साल की हवालात से न्याय की अवधारणा जस्टिफाई होगी। कोर्ट ने कहा कि जजमेंट के वक्त पीड़ित पक्ष और समाज पर इसके असर जैसे पहलुओं को ध्यान में रखा गया।
दोषी राम नारायण वर्मा के खिलाफ साल 1992 में नॉर्दन रेलवे के लोको पायलट रामकुमार तिवारी ने एफआईआर दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि वर्मा ने उनकी पेंशन बनवाने के लिए 150 रुपए की घूस मांगी। उन्होंने पहले 50 रुपये दे दिया और बाद में और पैसे देने के लिए थोड़ा वक्त लिया। इसी बीच तिवारी ने इसकी एफआईआर दर्ज करा दी और सीबीआई ने वर्मा को 100 घूस लेते हुए पकड़ लिया था। मामले की सुनवाई चलती रही और वर्मा दोषी पाए गए।
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