वाराणसी (Varanasi) । इस बार जीआई के क्षेत्र में बनारस (Banaras) ने अपना झंडा बुलंद कर दिया है। यहां के चार नए उत्पादों को जीआई टैग हासिल हुआ है। बनारस के लंगड़ा आम और पान का स्वाद अब पूरी दुनिया चखेगी। इन उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान (international recognition) दिलाने के प्रयास लगातार किए जा रहे थे। खास बात है कि अब तक काशी क्षेत्र के कुल 22 और यूपी के 45 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। लंगड़ा आम को जीआई पंजीकरण संख्या 716, बनारसी पान को 730 के तहत दर्ज किया गया है। वहीं रामनगर भंटा (Ramnagar Bhanta) और आदमचीनी को भी इस सूची में शामिल किया गया है।
जीआई एक्सपर्ट पद्मश्री डॉ. रजनीकांत (Expert Padma Shri Dr. Rajinikanth) के मुताबिक कोविड के दौरान सरकार ने 20 उत्पादों के लिए आवेदन किया था। प्रक्रिया पूरी होने के बाद इनमें से 11 को जीआई टैग मिल गया है। इसके अलावा कई ऐसे उत्पाद हैं जिन्हें अभी जीआई टैग मिल सकता है। जिन उत्पादों को जीआई टैग मिला है उनमें लाल पेड़ा, तिरंगी बर्फी, बनारस का लाल भरवा मिर्च, चिरईगांव का करौंदा, बनारस की ठंडाई शामिल है।
किसानों को होगा फायदा
अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन उत्पादों के पहुंचने से इनमें काम करने वाले किसानों को फायदा होगा। बताया जाता है कि इन उत्पादों से जुड़े काम में 20 लाख लोग लगे हुए हैं। इसके अलावा 25,500 करोड़ रुपये के ये उत्पाद बेचे जाते हैं। इसमें और भी इजाफा होगा। जीआई टैग मिलने के बाद अब ये उत्पाद कनाडा. दुबाई, अमेरिका, जापान और ब्रिटेन जैसे देशों के शहरों में भी आसानी से उपलब्ध होगा।