
सीहोर। एक ओर तो सरकार किसानों को उनकी उपज के सही दाम देने के लिए समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी की बात कर रही है। वहीं इन खरीदी केन्द्रों पर किसान भेदभाव और कर्मचारियों की मनमर्जी के शिकार हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को तकीपुर मूंग खरीदी केन्द्र पर सामने आया जहां पर एक किसान मूंग की उपज बेचने के लिए आया था, लेकिन उसकी उपज को नहीं खरीदा गया, जबकि किसान का आरोप है कि अन्य किसानों की उपज खरीदी जा रही है। कर्मचारी पर किसान ने भेदभाव के आरोप लगाए हैं।
भेदभाव के आरोप लगाए
इससे किसान को अपनी उपज वापस ले जाना पड़ा। किसान कर्मचारियों पर भेदभाव के आरोप लगाए हैं।इस संबंध में खाद्य निरीक्षक आकाश चंदेल का कहना है कि मूंग खरीदी में मार्कफेड का नियंत्रण रहता है। सर्वेयर नमूना लेते हैं और आर्हताओं के हिसाब से तय करते हैं।
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