कोरोना के बाद शहर में भी नेत्रदान करने वालों की संख्या बढ़ी, मगर सुविधा नहीं
उज्जैन। संभाग एवं शहर में नेत्रदान करने का कोई स्थान नहीं है तथा यह कार्य करने के लिए दूसरे शहरों में जाना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि कई लोग जन्मजात नेत्रहीन होते हैं तो कुछ हादसे का शिकार होकर अपना नेत्र गंवा बैठते हैं। ऐसे लोगों के लिए दूसरों की तरफ से दान की हुई आंखें रोशनी प्रदान करती हैं। इसके लिए नेत्र दान अभियान चलाया जाता है। जिसमें लोग स्वेच्छा से अपनी मृत्यु के बाद नेत्रदान करने की अनुमति देते हैं। नेत्र दान करने के कुछ समय के अंदर ही उसे नेत्र बैंक में रखना होता है, परंतु जिले में नेत्र बैंक नहीं है।
इस कारण स्वास्थ्य विभाग की ओर से हाल के वर्षों में नेत्र दान के लिए कोई अभियान ही नहीं चलाया गया है। निजी सामाजिक संस्थाओं ने पूर्व के वर्षों में अभियान चलाकर लोगों का रजिस्ट्रेशन कराया है, परंतु स्वास्थ्य विभाग के पास कोई डाटा नहीं है। नेत्र विशेषज्ञ डॉ. निलेश चंदेल का कहना हैं कि उज्जैन में सरकारी नेत्र बैंक का अभाव हैं। इसलिए हम ऐसे मामलो को इंदौर भेजते हैं। अब उम्मीद जताई जा रही है कि उज्जैन में मेडिकल कॉलेज बन जाने पर नेत्र बैंक की सुविधा भी मिल सकती है। उन्होंने बताया कि पहले के मुकाबले अब उज्जैन में भी ज्यादा लोग नेत्रदान के लिए आगे आने लगे हैं, लेकिन अब तकनीक कमी उनके लिए बाधा बन रही हैं।
Share:
भोपाल (Bhopal) । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में वर्ष 1984 में हुए गैस कांड (Gas scandal) का दंश वर्तमान समय में तीसरी पीढ़ी (Third generation) भी भुगत रही है। विश्व की भीषणतम औद्योगिक त्रासदी माने जाने वाले यूनियन कार्बाइड गैस कांड को 39 साल बीत गए हैं, इसके बाद भी हजारों पीडि़त अब […]
कोरोना के कारण लोगों की नौकरियाँ गई तो 3 से अधिक नए बेरोजगारों ने कराए पंजीयन उज्जैन। कोरोना के पिछड़े डेढ़ साल में सारे उद्योग धंधे बैठ गए और पढ़े लिखे लोगों की नौकरी भी चली गई। शहर में तेजी से बेरोजगार बढ़े हैं और जब जिला रोजगार कार्यालय से जब अग्रिबाण ने आंकड़े लिए […]
हवाओं की दिशा बदलने से शहर में उछला पारा, कल के बाद फिर पड़ेगी तीखी ठंड उज्जैन। शहर में ठंड के दिनों में भी लोगों को गर्मी का अहसास हो रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दिन और रात का तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री ऊपर बना […]
लोगों ने कहा बड़े-बड़े ओवन और भट्टी से बना रहता है आगजनी का खतरा, क्षेत्र में चूहों की तादात भी बढ़ी उज्जैन। शहर के गोंसा दरवाजा क्षेत्र में बड़ी संख्या में बेकरी कारखाने चल रहे हैं। इससे आसपास के करीब एक हजार रहवासी परेशान है। हालात यह है कि कारखानों में चल रहे बड़े-बड़े ओवन […]