नई दिल्ली। ’26/11′, ये वो तारीख है, जिसे भारतभूमि भुला नहीं सकेगी। अब से 15 साल पहले देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में समुद्र के रास्ते घुस आए 10 आतंकियों ने कहर बरपाया था। फिलहाल इस तारीख को मुश्किल से 9वां दिन है और इसी बीच खबर आई है कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की जेल में बंद (jail in pakistan) इस आतंकी घटना के अहम साजिशकर्ता साजिद मीर (Sajid Mir) को जहर दे दिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलहाल भारत का मोस्ट वांटेड यह आतंकी (terrorist is India’s most wanted terrorist) वेंटिलेटर सपोर्ट पर है।
बता दें कि इसी साल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने चीन की इज्जत का फालूदा किया था। इसकी अहम वजह यह थी कि चीन की सत्ता की तरफ से भारत के उस प्रस्ताव में रोड़ा अटकाया जा रहा था, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर (Sajid Meer) को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की मांग रखी गई थी। यह कोई और नहीं, बल्कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई के हाेटल ताज हमले का साजिशकर्ता है और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शुमार लोगों में से है। आतंकी का बचाव करने वाले चीन के दावों के जवाब में भारत की तरफ से एक ऑडियो भी संयुक्त राष्ट्र के मंच पर जारी किया, जिसमें लश्कर के साजिद मीर नाम के इस आतंकी को मुंबई में 26/11 हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकियों को निर्देश देते साफ सुना जा सकता है।
थोड़ा विसतार से बात करें तो अमेरिका और भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मीर को वैश्विक आतंकवादी मानते हुए उसे ब्लैक लिस्ट कर उसकी प्रॉपर्टी जब्त करने, बाहर आने-जाने और हथियार रखने पर पाबंदी लगाए जाने की मांग की थी। 20 जून को इस मसले पर चीन ने वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए साजिश मीर का बचाव करने की कोशिश कर डाली। अगले दिन भारतीय विदेश मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी प्रकाश गुप्ता ने यूएन असेंबली में आतंकी साजिश मीर का ऑडियो खुले मंच पर सुनाया। इस ऑडियो में आतंकी साजिद मीर कह रहा था, ‘कोई भी विदेशी व्यक्ति जिंदा बचकर ना जा पाए, सभी विदेशियों को मार दो’। उसकी इस बात पर दूसरी तरफ से बात कर रहे एक आतंकी ने ‘इंशाअल्लाह’ बोलते हुए आदेश को मानने की पुष्टि भी कर दी।
यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि अमेरिका की तरफ से 50 लाख डॉलर के इनामी घोषित आतंकी साजिद मीर को जून 2022 में पाकिस्तान में टेरर फंडिंग के मामले में एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने 15 साल से ज्यादा की जेल की सजा सुनाई थी। इससे पहले पाकिस्तान के अधिकारी तंत्र ने साजिद मीर की मौत हो जाने का दावा किया था, लेकिन पश्चिमी देशों ने सबूत मांगा तो पाकिस्तान दावे से पलट गया और साल के आखिर में वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) की कार्रवाई में भी यह मुद्दा एक बड़ा रोड़ा बना।
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