
नई दिल्ली। अमेरिका (America) की तरफ से शुरू किए गए टैरिफ वॉर (Tariff war.) पर भारत (India) ने शांत प्रतिक्रिया दी थी। अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने इसकी वजह का भी खुलासा किया है। मोरक्को में सिंह ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) ने भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाया था। साथ ही रूसी तेल की खरीद को लेकर भी भारत पर जुर्माना लगाया था। इसपर भारत की तरफ से कहा गया था कि किसानों के हितों से समझौता नहीं किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिंह ने कहा है कि भारत का बड़ा दृष्टिकोण था और इसलिए प्रतिक्रिया नहीं दी गई। उन्होंने कहा, ‘हम प्रतिक्रिया नहीं देते…। जिन लोगों की सोच बड़ी होती है और दिल बड़े होते हैं, वो किसी भी चीज पर तत्काल प्रतिक्रिया नहीं देते हैं।’ सिंह ने मोरोक्को में बसे भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी बात की।
सिंह की मोरक्को यात्रा किसी भारतीय रक्षा मंत्री की इस देश की पहली यात्रा है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह इकाई अफ्रीका में पहला भारतीय रक्षा विनिर्माण संयंत्र है, जो आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत भारत के रक्षा उद्योग की बढ़ती वैश्विक उपस्थिति को दर्शाता है। मंत्रालय ने बताया कि इस यात्रा के दौरान सिंह मोरक्को के अपने समकक्ष अब्देलतीफ लौदियी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
भारत ने क्या कहा था
अगस्त में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि देश ने किसानों के हित में कृषि उपज के आयात की अनुमति देने की मांग का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि नए भारत ने राष्ट्रहित में निर्णय लिया है और वह किसानों और मछुआरों के हितों से समझौता नहीं करेगा। वे (अमेरिका) चाहते हैं कि हम उनके कृषि उत्पादों के लिए अपने दरवाजे खोलें।
चौहान ने कहा, ‘वे जीएम बीज का इस्तेमाल करके कई हेक्टेयर जमीन पर खेती करते हैं और अनुदान प्राप्त करते हैं। हमारे छोटे किसान इस प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि देश के हित के विरुद्ध कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा। चौहान ने कहा, ‘उन्होंने (अमेरिका ने) सोचा था कि हम डर जाएंगे। लेकिन यह आज का भारत है, जो आत्मविश्वास से भरा हुआ है।’
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