
नई दिल्ली: नवंबर महीने में भारत (India) के विदेशी व्यापार (Foreign Trade) से जुड़ी एक राहत भरी खबर सामने आई है. सरकारी आंकड़ों (Government Data) के मुताबिक, देश का मर्चेंडाइज ट्रेड डेफिसिट (Merchandise Trade Deficit) घटकर 24.53 बिलियन डॉलर रह गया है, जो बीते पांच महीनों में सबसे निचला स्तर है. इस सुधार के पीछे दो बड़ी वजहें रहीं, एक तरफ अमेरिका को भारत का निर्यात बढ़ा, वहीं दूसरी ओर सोना, कच्चा तेल और कोयले का इंपोर्ट कम हुआ.
इकोनॉमिस्ट्स को नवंबर में ट्रेड डेफिसिट करीब 32 बिलियन डॉलर रहने का अनुमान था, लेकिन वास्तविक आंकड़े इससे कहीं बेहतर निकले. इससे पहले अक्टूबर में ट्रेड डेफिसिट 41.68 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था. नवंबर के आंकड़ों ने यह संकेत दिया है कि भारत का एक्सपोर्ट सेक्टर धीरे-धीरे मजबूती पकड़ रहा है.
नवंबर में अमेरिका को भारत का मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट महीने-दर-महीने करीब 10 प्रतिशत बढ़कर लगभग 6.92 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. सालाना आधार पर देखें तो यह बढ़ोतरी 21 प्रतिशत से भी ज्यादा रही. यह दिखाता है कि भारी टैरिफ के बावजूद भारतीय उत्पादों की मांग अमेरिकी बाजार में बनी हुई है.
कॉमर्स सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल ने भी इस पर भरोसा जताते हुए कहा कि भारत ने अमेरिका को होने वाले निर्यात में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी है. नवंबर में भारत का कुल इंपोर्ट घटकर 62.66 बिलियन डॉलर रह गया, जो अक्टूबर में 76.06 बिलियन डॉलर था. इंपोर्ट में यह गिरावट मुख्य रूप से सोना, कच्चा तेल और कोयले की कम खरीद की वजह से देखने को मिली. इससे ट्रेड डेफिसिट को काफी हद तक काबू में लाने में मदद मिली.
नवंबर में भारत का कुल मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट बढ़कर 38.13 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि अक्टूबर में यह 34.38 बिलियन डॉलर था. यह इशारा करता है कि ग्लोबल चुनौतियों के बावजूद भारतीय निर्यातकों ने बेहतर प्रदर्शन किया है.
भारी अमेरिकी टैरिफ के असर को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं. इनमें कंज्यूमर टैक्स में कटौती, एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीम्स और लेबर रिफॉर्म जैसे फैसले शामिल हैं. इन नीतियों का असर अब आंकड़ों में दिखने लगा है. वहीं हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी ट्रेड डेलीगेशन के दौरे के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति से भी बातचीत की थी, ताकि जरूरी निर्यात सेक्टर्स को राहत मिल सके.
मर्चेंडाइज ट्रेड के अलावा सर्विस सेक्टर ने भी भारत की स्थिति मजबूत रखी. नवंबर में सर्विसेज एक्सपोर्ट करीब 35.86 बिलियन डॉलर रहने का अनुमान है, जबकि इंपोर्ट 17.96 बिलियन डॉलर रहा. इससे सर्विस ट्रेड में लगभग 17.9 बिलियन डॉलर का सरप्लस बना.
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