आचंलिक इंदौर न्यूज़ (Indore News) मध्‍यप्रदेश

सराफा चौपाटी के लिए गठित समिति द्वारा सराफा व्यापारियों के साथ बैठक का आयोजन, स्थान शिफट करने पर भी हुई चर्चा

इंदौर: सराफा संघ (bullion association) के रहवासी विगत कुछ वर्षों से रात्रिकालीन (nocturnal) सराफा चौपाटी (Sarafa Chowpatty) के कारण बहुत परेशान हो रहे है. पिछले कुछ समय से रात्रि कालीन सराफा चौपाटी में असामाजिक तत्वों (antisocial elements) द्वारा अवैध चोपाटी की दुकानें संचालित की जा रही है और ये चोपाटी अब दिन प्रतिदिन भयावह रूप लेती जा रही हैं. 4-5 वर्षों के पूर्व सराफा चौपाटी में गिनती की दुकानें लगती थी, ये चौपाटी की दुकाने किसी भी तरह से सरकारी रोड का अतिक्रमण नहीं करती थी और अपनी सिमा में लगती थी और बिना किसी को परेशान किये लगती थी. पर पिछले 4-5 वर्षों से ये दुकानें सराफा बाजार में हर कही खुलती जा रही है और अवैध तरीके से लगती जा रही है. इन अवैध दुकानों के कारण रहवासियों को निम्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Agniban (@dainik_agniban)


जो कि निम्न लिखित है…

  1. रात्रि कालीन छोपाटी में विगत वर्षों से अवैध तरीके से दुकानें खुलती जा रही है जो की बीच सड़क पर ही खोली जा रही है. ऐसे में रहवासियों को आपातकालीन समय (फायर इमरजेंसी, एम्बुलेंस इमरजेंसी) में कहर निकलना बहुत कठिन हो रहा है.
  2. चौपाटी में आगजनी की घटनाएं बढ़ती जा रही है, गैस के सिलिंडर भी बहुत ज्यादा है एवं कोयले की चूल्हो (सिगड़ी) का उपयोग भी बढ़ता जा रहा है, कोयले की चूल्हों से दिन ब दिन वायु प्रदूषण हो रहा है और इसका धुआँ पुरे बाजार में फैला रहता है, खुली हवा में थोड़ी देर खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा है. कोयले के चूल्हों से चिंगारियां भी बहुत निकलती है.
  3. वायु का प्रदूषण गैस चूल्हों के अलावा चौपाटी द्वारा तली हुई चीजों से भी हो रहा है, काफी सारे खाद्य प्रदार्थ बड़ी मात्रा में तले जाते हैं जिससे कि उनसे होने वाले धुएं का निकास कही भी नहीं है.. ये सारा धुआँ भी बाजार में फैल जाता है, इनसे रहवासियों के बुजुर्ग सदस्यों को श्वसन संबंधी परेशानियां हो रही है.
  4. चौपाटी में बहुत सारे ठेला संचालक जोर जोर से गाने बजाते रहते हैं, इतने जोर जोर से गाने बजते हैं की रात को सोना भी मुश्किल हो जाता है. माननीय उच्च न्यायलय (सुप्रीम कोर्ट, के निर्देशों के अनुसार रात को 11 बजे बाद सार्वजानिक स्थानों पर किसी भी तरह का जोर जोर से ध्वनि यंत्र नहीं बेजाणु जा सकता है) के निर्देशो का खुलकर उल्लंघन किया जाता है.
  5. यहाँ के रहवासियों के बच्चो की शोरगुल के कारण पढाई भी नहीं हो पाती है, रातभर के शोर से छोटे बच्चों की नींद भी नहीं हो पाती है और बच्चे भी मानसिक अवस्था से चिढ़ चिढ़े हो रहे है.
  6. रविवार जैसे छुट्टी के दिनों में एवं अन्य छुट्टी के दिनों में भी ये चोपाटी दोपहर में 3-4 बजे से ही शुरू होकर रात के 3 बजे तक खुली रहती है, याने की छुट्टी के दिनों में रात को तो परेशान हो ही रहे हैं. दिन में भी बहुत परेशान हो रहे है.
  7. चौपाटी चलाने वाले लोग ग्राहकों को बिठाने के लिए कुर्सियों और स्टूल को रास्ते के बीच में ही लगा देते हैं, साथ साथ ही साथ आने जाने का पूरा रास्ता बंद कर देते है, इस कारण से रहवासियों के महिलाओं और बुजुर्गो को खुद के घर से बहार निकलने में ही परेशानी होती है, ठेला संचालक को बोलने पर है रहवासिओ को धमकाने लगते हैं, एवं अभद्र भाषा का प्रयोग करते है.
  8. बारिश के दिनों में चोपाटी लगाने वाले लोग रहवासियों की इमारतों में घुसकर ग्राहकों को बैठते है, ऐसे में ग्राहक कहीं भी गंदगी फैलाते है, इमारतों में किसी भी जगह पेशाब करते है, दोने और प्लेट फेक देते हैं.
  9. रहवासी अपने स्वयं के वाहन भी अपने स्वयं के घरो के निचे नहीं रख पा रहे है, चौपाटी को चलाने वाले लोग वाहनों को इधर उधर खिसका देते हैं, समझाने पर वाहनों में तोड़ फोड़ करने लगते हैं.
  10. चौपाटी लगाने वालो के पास किसी तरह का कोई भी बिजली का कनेक्शन नहीं होता है, ये सारे बिजली के कनेक्शन अवैध तरीके से लिए जाते है, एवं इनको शरण देने वाले लोग बिजली के अवैध कनेक्शन उपलब्ध करवाते है, चोपाटी वालो को शरण देने वाले एवं इनको बिजली का कनेक्शन देने वालो के पास बिजली देने का सब-मीटर भी नहीं होता है.
  11. रात्रिकालीन चौपाटी में असामाजिक तत्त्वों (असामाजिक लोगो) का रात में आना जाना शुरू हो गया है. ये असामाजिक तत्त्व शराब पीकर सराफा बाजार में हुड़दंग करते हैं (जोर जोर से पुगी बजा कर शोर करना, फिजूल के नारे लगाना) इनमें कई बार अशोभनीय स्त्री-पुरुष भी बेहद गन्दी हरकते करते है, प्रशाशन और आम जनता ये भली भांति जानती है कि सभ्य परिवार के लोग कभी भी रात में 1-2 बजे तक नहीं घूमते हैं.
  12. सराफा चौपाटी में सार्वजानिक जगह पर बिना किसी परमिशन के खाने पीने की ठिया लगते जा रहे है, सार्वजानिक स्थानों का उपयोग जनता की सुविधा क लिए होता है पर यहाँ पर सार्वजनिक स्थानों का उपयोग लोग व्यसायिक गतिविधिओ में कर रहे है.
Share:

Next Post

भारत की संप्रभुता से जुड़े जनजातीय संस्कृति बहुल राज्य हैं अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम - राज्यपाल कलराज मिश्र

Tue Feb 20 , 2024
जयपुर । राज्यपाल कलराज मिश्र (Governor Kalraj Mishra) ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम (Arunachal Pradesh and Mizoram) भारत की संप्रभुता से जुड़े (Related to the Sovereignty of India) जनजातीय संस्कृति बहुल राज्य हैं (Are Tribal Culture Dominated States) । राज्यपाल कलराज मिश्र ने अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम राज्य के स्थापना दिवस पर बधाई […]