मांड्या: कर्नाटक के मांड्या जिले के पांडवपुरा में एक युवक चीनी मिल की 500 फुट ऊंची चिमनी पर चढ़ गया था और जमकर हंगामा किया. जिले के पांडवपुरा की प्रतिष्ठित पीएसएसके चीनी मिल में घाटे का हवाला देते हुए सरकार ने पांच साल पहले मिल को एक निजी कंपनी को दे दिया था. मिल के प्रबंधन ने शुरू में कहा कि श्रमिकों को निकालने का सवाल ही नहीं उठता, लेकिन बाद में उन्हें कर्मचारियों को किसी कारण के चलते निकालना पड़ा. ऐसे में एक कर्मचारी कंपनी के निर्णय का विरोध करते हुए 500 फुट ऊंची चिमनी पर चढ़ गया था.
कर्मचारी लगातार 15 घंटे के बाद, फैक्ट्री की चिमनी से नीचे उतरा. चीनी मिल परिसर में नौकरी से निकाले जाने के बाद चिमनी पर चढ़े पीड़ित कर्मचारी रामकृष्ण ने प्रबंधन बोर्ड के फैसले की अनोखे तरीके से आलोचना की थी. रामकृष्ण सोमवार सुबह 4 बजे चिमनी पर चढ़े थे. इस दौरान वो पुलिस और अधिकारियों के अनुरोध के बावजूद नीचे नहीं उतरे. हालांकि निदेशक मंडल द्वारा बुधवार तक निर्णय लेने का वादा करने के बाद रामकृष्ण चिमनी से नीचे उतर आए.
पांडवपुरा चीनी मिल कभी प्रतिष्ठित चीनी मिलों में से एक थी. हालांकि पांच साल पहले तत्कालीन सरकार ने घाटे का हवाला देते हुए निरानी के स्वामित्व वाली निरानी शुगर्स को 40 साल का पट्टा दिया था. ऐसे में इस अवधि के दौरान पीएसएसके को कर्मचारियों को जारी रखने का निर्देश दिया गया और यदि कर्मचारी सहमत हुए तो वीआरएस की पेशकश की गई. निरानी शुगर्स ने शुरू में कहा था कि वह नियमों का पालन करेगी. हालांकि समय बीतने के साथ एक-एक करके समझौते तोड़ती जा रही है. जानकारी के मुताबिक पिछले दस वर्षों से कारखाने में काम कर रहे 45 कर्मचारियों को अचानक नौकरी से निकाल दिया गया. इससे वे परिवार जो अपनी आजीविका के लिए कारखानों में काम करते थे, सड़कों पर आने को मजबूर हो गए हैं.
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