आचंलिक

लगभग 60 वर्ष पुरानी पुलिया रखरखाव के अभाव में हुई खस्ताहाल

  • जिम्मेदारों द्वारा ध्यान नहीं देना बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है

नलखेड़ा। नगर के समीप बहने वाली लखुंदर नदी पर आमला-नलखेड़ा मार्ग पर बनी पुलिया रखरखाव के अभाव में खस्ताहाल हो चुकी है। पुलिया की ऊपरी सतह पर जहाँ गड्ढे ही गड्ढे हो गए हैं, वहीं नीचे की सतह से स्लैब में से सरिए बाहर निकल रहे है। समाचार प्रकाशन के माध्यम से लगातार ध्यान आकृष्ट करने के बाद भी जिम्मेदारों द्वारा ध्यान नहीं देना कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। नलखेड़ा नगर को मप्र के प्रमुख शहरों एवं राजस्थान के साथ जोडऩे वाले मार्ग आमला-नलखेड़ा मार्ग पर नगर के समीप स्थित लखुंदर नदी पर लगभग 60 वर्ष पूर्व एक बड़ी पुलिया का निर्माण किया गया था। विगत 60 वर्षों से आवागमन का भार सहने वाली इस पुलिया के रखरखाव का जिम्मा लोक निर्माण विभाग के सेतु निगम पर है लेकिन इतने वर्षों बाद भी संबंधित विभाग द्वारा औपचारिकता निभाने के सिवाय किसी भी प्रकार का रखरखाव नहीं किया गया है। वर्तमान समय में पुलिया की स्थिति बेहद खस्ताहाल हो गई है। इसकी ऊपरी सतह पर गड्ढे ही गड्ढे हो रहे है जिन पर संबंधित विभाग समाचारों के प्रकाशन के बाद वर्ष में एक दो बार भ्रष्टाचार की परत चढ़ा देता है। पुलिया के दोनों किनारों पर लगी लोहे की रेलिंग कई स्थानों पर सड़ चुकी है, वहीं जिस आधार पर रेलिंग लगाई हुई है वह कई स्थानों से टूट कर अलग हो गया है जिसके कारण उन स्थानों पर रेलिंग हवा में झूलती दिखाई दे रही है।



राहगीरों व वाहनों की सुरक्षा के लिए लगी यह रेलिंग स्वयं ही अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने को मजबूर है। खुश किस्मती है कि अभी तक कोई भी दुर्घटना इस प्रकार की नही हुई है कि उन्हें इस रेलिंग के सहारे की आवश्यकता पड़ी हो अन्यथा सम्बंधित दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति रेलिंग सहित नीचे नदी में पहुंच सकता है। कई बार समाचार पत्रों में प्रकाशन के बाद भी संबंधित विभाग द्वारा ना तो रेलिंग और ना ही उसके आधार की मरम्मत का कार्य किया गया है। सबसे चिंताजनक स्थिति पुलिया की निचली सतह की है जो किसी को दिखाई नहीं देती है। इसके स्लैब की निचली सतह लगातार उखड़ती जा रही है जिसके कारण इसके सरिए भी बाहर आना प्रारम्भ हो चुके है। यह पुलिया को कमजोर करने के साथ खतरनाक स्थिति में पहुँचाने में सहायक है। लगातार निचली सतह उखडऩे से पुलिया कमजोर होती जा रही है जिसके कारण वर्तमान में एक छोटा चौपहिया वाहन भी पुलिया पर से गुजरता है तो पूरी पुलिया अत्यधिक कम्पन्न कर रही है। सन् 1960 से 1965 के मध्य निर्मित इस पुलिया की उम्र लगभग 60 वर्ष हो चुकी है। ऐसे में इतनी पुरानी पुलिया का सम्पूर्ण रखरखाव बेहद आवश्यक हो गया है जिससे इसकी उम्र कुछ वर्ष और बढ़ सके। अन्यथा आने वाले कुछ वर्षों में इसकी निचली सतह से स्लैब कभी भी धराशाही हो सकता है जो कि किसी बड़ी दुर्घटना अथवा जान माल की हानि का कारण बन सकता है।

विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ पर पहुँचने का एकमात्र मार्ग
नगर में स्थित विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ माँ बगलामुखी मंदिर पहुंचने का यह एकमात्र मार्ग है। जहाँ उक्त पुलिया पर से ही गुजरकर पहुंचा जा सकता है। ऐसे में यदि पुलिया का रखरखाव नहीं किया गया और इसका कोई हिस्सा धराशाही हो गया तो नलखेड़ा नगर का शेष दुनिया से संपर्क टूट सकता है। साथ ही देश भर के साथ ही अन्य देशों से सिद्धपीठ पहुंचने वाले दर्शनार्थियों के लिए भी परेशानी का सबब बन सकती है।

जिम्मेदार बोले
नलखेड़ा की बड़ी पुलिया को बने हुए काफी वर्ष हो चुके हैं। वर्तमान में पुलिया के रिपेयरिंग कार्य अवलोकन हेतु टीम भेजी जाएगी। संभव हुआ तो इसका रिपेयरिंग कार्य करवाया जाएगा।
जेड. बी. मिर्जा, अनुविभागीय अधिकारी, सेतु निगम उप संभाग शाजापुर

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