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अहमदाबाद विमान हादसे के बाद भोपाल एयरपोर्ट के 10 किमी दायरे में लेजर लाइट पर बैन

June 15, 2025

भोपाल. अहमदाबाद (Ahmedabad) में विमान दुर्घटना (plane crash) के बाद भोपाल (Bhopal) के राजा भोज एयरपोर्ट (airport) पर स्थानीय प्रशासन और एयरपोर्ट अधिकारियों ने फ्लाइट ऑपरेशन की सुरक्षा के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल बढ़ा दिए हैं. इस कदम के तहत हवाई अड्डे के पास शादियों और बड़े सार्वजनिक समारोहों के दौरान लेजर लाइट और उच्च तीव्रता वाले प्रकाश उपकरणों के उपयोग पर रोक लगा दिया गया है. बैरागढ़ सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट रविशंकर राय ने शुक्रवार को राजा भोज एयरपोर्ट के 10 किलोमीटर के दायरे में स्थित 22 मैरिज गार्डन संचालकों को आधिकारिक नोटिस जारी किए.

नोटिस में मैरिज गार्डन संचालकों पर रात के समय होने वाले कार्यक्रमों, खास तौर पर शादियों के दौरान लेजर बीम और तीव्र रोशनी का इस्तेमाल करके विमानन सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. अधिकारियों का कहना है कि एयरपोर्ट के आसपास स्थित मैरिज गार्डंस में लेजर बीम और तेज रोशनी वाले उपकरणों के इस्तेमाल कारण लैंडिंग और टेक-ऑफ के दौरान पायलटों को रनवे को स्पष्ट रूप से देखने में दिक्कत होती है, जिससे फ्लाइट सेफ्टी के लिए सीधा खतरा पैदा होता है.


भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इससे पहले 9 अप्रैल 2025 को इंडियन सिविल एविएशन सेफ्टी एक्ट की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया था, जिसमें राजा भोज एयरपोर्ट और मुबारकपुर चौराहा और संत हिरदाराम नगर जैसे प्रमुख इलाकों के बीच आने वाले क्षेत्रों में लेजर बीम, उच्च तीव्रता वाली रोशनी और हवाई आतिशबाजी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि, अधिकारियों ने पाया कि इन स्पष्ट प्रतिबंधों के बावजूद, कई मैरिज गार्डंस में ऐसे खतरनाक प्रकाश उपकरणों का उपयोग जारी रहा.

एसडीएम रविशंकर राय ने शुक्रवार को मैरिज गार्डंस के संचालकों के साथ बैठक की और उन्हें दिशा-निर्देशों का पालन करने की सख्त चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि इन सुरक्षा नियमों का पालन न करने पर परिसर को सील करने सहित कड़ी कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि गैर-अनुपालन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आयोजनों की निगरानी के लिए नियमित रूप से निरीक्षण दल तैनात किए जाएंगे और उल्लंघन पाए जाने पर तत्काल दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. एयरपोर्ट डायरेक्टर रामजी अवस्थी ने पहले भी इस मुद्दे पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एयरपोर्ट के पास लेजर लाइट का अनधिकृत उपयोग पायलटों के लिए खतरनाक चुनौती पैदा कर सकता है और यह फ्लाइट सेफ्टी का एक गंभीर मुद्दा है. लैंडिंग के दौरान एक क्षण का ध्यान भटकना गंभीर परिणाम उत्पन्न कर सकता है.

लेजर लाइटें कैसे बन सकती ​हैं विमान दुर्घटना की वजह?
लेजर लाइटें, खास तौर पर जब आसमान की ओर करके उपयोग की जाती हैं, तो 150 से 200 मीटर या उससे अधिक की दूरी तक जा सकती हैं. जब लेजर लाइट की बीम कॉकपिट में प्रवेश करती है, खास तौर पर रात के समय लैंडिंग के दौरान, तो पायलटों को देखने और फोकस करने में दिक्कत होती है. लेजर बीम कॉकपिट विंडशील्ड पर बिखर जाती है, जिससे चकाचौंध होती है और दृश्यता कम हो जाती है. कुछ मामलों में, इससे फ्लैश ब्लाइंडनेस हो सकती है, जिसमें पायलट का विजन कुछ देर के लिए लो हो जाता है. कम ऊंचाई पर पहुंचने या उड़ान भरने के दौरान, जब पायलट विजुअल संकेतों पर अत्यधिक निर्भर होते हैं, तो थोड़ी सी भी चूक दुर्घटना के जोखिम को बढ़ा सकती है या विमान को वापस उड़ाने के लिए बाध्य कर सकती है. हाल के वर्षों में भारत में पायलटों द्वारा लेजर दुर्घटनाओं की घटनाओं की रिपोर्ट में वृद्धि हुई है, जिसके कारण एविएशन अथॉरिटी ऐसे अपराधों के लिए कठोर दंड पर विचार कर रही है.

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