• img-fluid

    भारतीयों के विरोध के बाद झुकी कनाडा सरकार, डिपोर्टेशन पर लगाई रोक

  • September 08, 2024

    ओट्टावा: कनाडा (Canada) में निर्वासन (Exile) के खतरे के बीच रह रहे सैकड़ों भारतीय युवकों (Hundreds of Indian youths) के लिए राहत की खबर है। लंबे विरोध और राजनयिक हस्तक्षेप (Diplomatic intervention) के बाद कनाडा ने इन भारतीयों का निर्वासन अस्थायी रूप से रोक दिया है। ये युवक पढ़ाई के लिए कई साल पहले कनाडा गए थे, लेकिन भारत में एक इमिग्रेशन एजेंट (Immigration Agent) की ठगी के चलते हाल ही में ये सभी निर्वासन के केंद्र में आ गए। कनाडा सरकार (Canadian government) ने फर्जी दस्तावेजों के कारण इनके खिलाफ निर्वासन की कार्यवाही शुरू की थी। ठगी का शिकार हुए छात्र कनाडा सरकार की डिपोर्टेशन (deportation) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। फिलहाल, इस फैसले ने छात्रों को राहत पहुंचाई है।

    क्या है मामला?
    कनाडाई अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर कनाडा के कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले 700 भारतीयों को निर्वासन का नोटिस भेजा था। 5 जून को कनाडाई अधिकारियों ने लवप्रीत सिंह के खिलाफ पहली कार्यवाही शुरू की। मूल रूप से पंजाब के रहने वाले लवप्रीत सिंह को 13 जून तक कनाडा छोड़ने के लिए कहा गया। अधिकारियों ने पाया कि छह साल पहले स्टडी परमिट पर कनाडा में प्रवेश के लिए उन्होंने जो ऑफर लेटर इस्तेमाल किया था, वह फर्जी था। इस खुलासे के बाद कनाडाई सीमा सेवा एजेंसी (CBSA) ने एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया। इसमें मुख्य रूप से पंजाब के कई दूसरे भारतीय युवक थे, जो एक एजेंट से मिले इसी तरह के फर्जी दस्तावेजों पर कनाडा में प्रवेश कर गए थे।

    धोखाधड़ी का शिकार हुए छात्र
    कनाडा में जिन छात्रों के ऊपर निर्वासन की तलवार लटक रही है, उनमें से अधिकांश जालंधर के एक इमिग्रेशन के हाथों धोखाधड़ी का शिकार हुए थे। इस एजेंट ने कनाडा के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से फर्जी ऑफर लेटर दिए थे। छात्रों को ये विश्वास हो गया कि उन्हें वैध प्रवेश मिल गया है। यहां तक कि कनाडा के दूतावास के अधिकारियों ने भी वीजा देते समय जालसाजी का पता नहीं लगाया। कनाडाई दूतावास के अधिकारियों को भी वीजा देते समय जालसाजी का पता नहीं चला।
    भारतीयों का अमेरिका में घुसने का नया तरीका, कनाडा का वीजा लेकर बॉर्डर क्रॉस कर रहे

    छात्रों को बाद में चला धोखाधड़ी का पता
    कनाडा पहुंचने पर इन युवकों को पता चला कि वे उन संस्थानों में नामांकित नहीं थे, जहां उन्हें जाना चाहिए था। कई युवक 2016 की शुरुआत में ही कनाडा आ गए थे, लेकिन उन्हें धोखाधड़ी का एहसास तब हुआ जब उन्होंने कनाडा में स्थायी निवास के लिए आवेदन किया। सीबीएसए की जांच के बाद 700 से अधिक छात्रों को निर्वासन का नोटिस जारी किया गया। इसके बाद छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया। इस मामले में राजनयिक हस्तक्षेप भी हुआ, जिसके बाद अब कनाडा ने निर्वासन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया है।

    Share:

    टाइफाइड की वैक्सीन के लिए इंदौर में सर्वे शुरू

    Sun Sep 8 , 2024
    केन्द्र सरकार ने 30 शहरों से डाटा इकट्ठा करने के दिए निर्देश, इंदौर दूसरे नंबर पर इंदौर (Indore)। टाइफाइड वैक्सीन मुफ्त में मुहैया कराने के लिए केन्द्र सरकार पूरे देश के अलग-अलग जिलों से डाटा इक_ा कर रही है। अहमदाबाद सिटी में हुए सर्वे के बाद दूसरे नंबर पर इंदौर शहर में सर्वे कराया जा […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    बुधवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved