चीन के राष्ट्रपति सी जिनपिंग के दूत का मिशन फेल होने से तिलमिलाए प्रचण्ड ने ओली पक्ष के तीन मुख्यमंत्रियों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दर्ज करा दिया है। इतना ही नहीं दो मुख्यमंत्री को विधायक दल के नेता पद से हटाते हुए दूसरा नेता भी चयन कर लिया है। प्रचण्ड के इस कार्रवाई के बदले ओली पक्ष ने प्रचण्ड पक्ष के मंत्रियों को हटाना शुरू कर दिया है।
ओली पक्ष के मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले प्रदेश एक के एक मंत्री को ओली पक्ष के मुख्यमंत्री ने बर्खास्त कर दिया है। इसी तरह अविश्वास प्रस्ताव पर समर्थन करने के एवज में कई प्रदेश में प्रचण्ड पक्ष के संसदीय दल के सचेतक को पद से हटा दिया गया है। ओली पक्ष के द्वारा मंत्री को बर्खास्त करने से बौखलाए प्रचण्ड ने भी अब ओली पक्ष के मंत्रियों को हटाना शुरू कर दिया है।
नेपाल के सात प्रदेश में से 6 प्रदेशों में कम्यूनिष्ट पार्टी का शासन था। ओली प्रचण्ड के बीच हुए विवाद पार्टी विभाजन का असर इनमें से 4 प्रदेशों पर पड़ने वाला है। 6 में से 4 प्रदेशों में ओली पक्ष के मुख्यमंत्री है, जबकि 2 प्रदेश में प्रचण्ड पक्ष के मुख्यमंत्री है। पार्टी विभाजन के बाद ओली पक्ष के चार में से 3 मुख्यमंत्री अल्पमत में आ गए हैं। जिनकी कुर्सी कभी भी जा सकती है। इससे निपटने के लिए प्रधानमंत्री ओली इन सभी प्रदेश सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार कर रहे हैं।
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