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वायु प्रदूषण से फेंफड़ो को हो सकता है नुकसान, कर सकते हैं ये उपाय

वायु प्रदूषण: दोस्‍तों आप तो जानते हैं कि भारतीय उपमहाद्वीप में जैसे ही सर्दी का मौसम शुरू होता है, वैसे ही लोग ठंड और कर्कश सर्द मौसम, प्रदूषण और धुएं से भरे कोहरे से खुद को बचाने की जद्दोजहद में लग जाते हैं। जो लोग पहले से ही फेफड़ों के कैंसर, अस्थमा, धूल से एलर्जी आदि से पीड़ित हैं, वायु प्रदूषण उनकी मुश्किलों को और बढ़ा देता है। वहीं, चल रही कोरोना वायरस महामारी न सिर्फ तनाव बल्कि गंभीर लक्षणों का जोखिम पैदा कर रही है।

महामारी के दौरान वायु प्रदूषण ख़तरनाक है क्योंकि इससे आपके वायुमार्ग में जलन हो सकती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई आ सकती है। वायु प्रदूषण अस्थमा, निमोनिया, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), घुटन, मतली, उल्टी, थकान, ब्रॉन्काइटिस और यहां तक ​​कि फेफड़ों के कैंसर जैसी बीमारियों की भी वजह बन सकता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि वायु प्रदूषण आपकी नसों, किडनी, लिवर और अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। यह कुछ मामलों में घातक भी हो सकता है।

ऐसे में जब हवा की गुणवत्ता इतनी ख़राब है, लोगों को घर से बाहर निकलते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि के फेफड़ों को नुकसान पहुंचने से बचा सकें।

जो लोग पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें कोविड-19 की हाई-रिस्क कैटेगरी में रखा गया है। वहीं, लगातार बढ़ता हुआ प्रदूषण उनकी मुश्किलें बढ़ाने का काम कर रहा है। ऐसे में आइए जानें कि कोरोना वायरस महामारी के साथ आप प्रदूषण से खुद को कैसे बचा सकते हैं।

कचरे को जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोका जाना चाहिए और कचरे को वहीं फेकें जहां उसके लिए जगह बनाई गई है।
गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम करना चाहिए और जो लोग सड़कों पर थूकते हैं, उनके लिए सख्त कानून के तहत सज़ा मिलनी चाहिए।
एंटी-प्रदूषण मास्क का इस्तेमाल करना बेहद ज़रूरी है। इसके लिए स्कार्फ, रुमाल या किसी भी कपड़े का उपयोग न करें, क्योंकि ये आपको प्रदूषण से नहीं बचा सकेंगे। साथ ही बाहर जाते वक्त कोविड-19 से बचने के लिए लोगों से ज़रूरी शारीरिक दूरी बनाए रखें। मास्क आपको कोविड-19 और प्रदूषण दोनों से सुरक्षित रखेगा।
अपने शरीर को फिट रखने के लिए हफ्ते में 5 दिन रोज़ाना कम से कम 30 मिनट के लिए वर्कआउट करें। सांस को सही रखने के लिए आप एरोबिक्स, साइक्लिंग, डांस या फिर चाहे वॉक करें।
खानपान का ख़ास ध्यान रखें। बाहर के खाने की बजाय ताज़े फल और सब्ज़ियां खाएं। सेब, हल्दी, ज़ैतून का तेल, बैरीज़, दालें और ड्राइ फ्रूट्स का सेवन करें, जो आपके फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। जंक, ऑयली, मसालेदार और यहां तक कि प्रोसेस्ड फूड खाने से दूर रहें।
अस्थमा और COPD के मरीज़ों को रोज़ाना अपनी दवाइयां लेनी चाहिए और इंहेलर को भी पास रखना चाहिए। उम्रदराज़ लोग जिन्हें डायबिटीज़ और दिल की बीमारी की शिकायत है, उन्हें ज़्यादा सतर्क रहने की ज़रूरत है। साथ ही अपने डॉक्टर से संपर्क में रहें।

धूम्रपान फौरन छोड़ दें, क्योंकि ये आपकी मुश्किलें बढ़ा सकता है।
घर से बाहर निकलते वक्त हवा की गुणवत्ता चेक कर लें। खासतौर, पर जब आप सुबह की सैर के लिए निकलते हैं।
अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए खास वर्कआउट करें। प्राणायाम करें, इससे चेहरे और सीने में तनाव कम होता है।

नोट: उपरोक्‍त दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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