नई दिल्ली । JEE (मेन्स) 2025 के स्कोरकार्ड(Scorecard) में कथित गड़बड़ी(Alleged disturbances) को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट(Delhi High Court) ने सीबीआई जांच(cbi investigation) के आदेश दे दिए हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि सीबीआई फरेंसिक जांच के माध्यम से सच का पता लगाए। दो छात्रों ने दावा किया था कि उनके रिजल्ट में गड़बड़ी हुई है। जस्टिस विकास महाजन ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले की जांच सेंट्रल फरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (CFSL) और सीबीआई करेगी। मामले की अगली सुनवाई 23 मई को होगी।
छात्रों को कोर्ट रजिस्ट्री को अपनी रजिस्टर्ड ईमेल आईडी उपलब्ध करवानी होगी ताकी सीएफएसएल वेरिफिकेशन किया जा सके। सीएफएसएल के डायरेक्टर से कहा कहा गया है कि वह मामले की जांच करके 22 मई तक रिपोर्ट सील कवर में कोर्ट में जमा करवाएं। JEE ( एडवांस) का रिजल्ट 2 जून को घोषित किया जा सकता है।
कोर्ट ने कहा कि सीएफएएसएल जांच में पाई गई जानकारियों को खुलासा नहीं करेगा क्योंकि ये जानकारियों संवेदनशील हो सकती हैं। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि एनटीए की वेबसाइट पर पहले सही स्कोरकार्ड दिखाई दे रहा था। लेकिन बाद में उसे गलत स्कोरकार्ड से रिप्लेस कर दिया गया। एक याचिकाकर्ता ने कहा कि उसका ओरिजिनल स्कोरकार्ड उसे JEE एडवांस में बैठने के योग्य था। कोर्ट ने कहा कि सीएफएसएल याचिकाकर्ताओं से संपर्क कर सकता है।
एनटीए का कहना है कि पूरे प्रोसेस में किसी व्यक्ति का कोई दखल नहीं था। यह सारी प्रक्रिया नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर से कंट्रोल होती है। जस्टिस महाजन ने एक कैंडिडेट को जी एडवांस के लिए अप्लाई करने की भी अनुमति दे दी जबकि अप्लाई करने की आखिरी तारीख निकल चुकी थी।
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