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Covid-19 के घटते केस के बीच कुछ देशों में सामने आए इस गंभीर बीमारी के मामले, भारत की भी बढ़ गई चिंता

नई दिल्ली। करीब दो साल के भयंकर प्रकोप के बाद दुनियाभर में फिलहाल कोरोना संक्रमण के मामले कम होते दिख रहे हैं। भारत सहित तमाम देशों में रोजाना संक्रमण के केस पहले की तुलना में काफी कम रिपोर्ट हो रहे हैं। वैसे तो दुनिया अभी इस गंभीर महामारी से पूरी तरह बाहर भी नहीं आ पाई थी, कि कनाडा में तपेदिक (टीबी) के आउटब्रेक की खबरें सामने आ रही हैं।

पिछले दिनों टीबी के 13 मामले सामने आने के बाद कनाडा में अधिकारियों ने उत्तरी सास्काचेवान प्रांत में टीबी आउटब्रेक की घोषणा कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक टीबी संक्रमितों के संपर्क में करीब 150 लोगों के आने की सूचना है, इसी को देखते हुए लोगों को विशेष सावधान रहने के लिए कहा गया है।

टीबी, एक गंभीर श्वसन रोग है जो फेफड़ों को प्रभावित करता है और जीवाणु संक्रमण से फैलता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक चूंकि टीबी संक्रामक रोग है, ऐसे में इससे लोगों को विशेष बचाव की आवश्यकता होती है। कनाडा में टीबी आउटब्रेक की खबरें सामने आने के बाद से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है।

टीबी के दो नए वैरिएंट्स की पहचान
स्थानीय मीडिया रिपोर्टस के अनुसार 8 अक्तूबर तक अस्पतालों में करीब 20 लोगों का इस बीमारी के लिए इलाज चल रहा है। तेजी से बढ़ते मामलों के देखते हुए अथाबास्का स्वास्थ्य प्राधिकरण (एएचए) ने टीबी आउटब्रेक की घोषणा की है। इसके अलावा अन्य रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस में वैज्ञानिकों ने टीबी के दो नए घातक वैरिएंट्स की पहचान की है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह वैरिएंट्स अधिक प्रभावशाली हो सकते हैं, जिनसे बचाव के लिए विशेष उपाय करने की आवश्यकता होगी।


कनाडा में टीबी का आउटब्रेक
कनाडा के कॉलेज ऑफ फैमिली फिजीशियन द्वारा प्रकाशित एक पेपर के अनुसार, प्रति एक लाख की आबादी पर लगभग 4.6 मामलों की राष्ट्रीय दर के साथ, कनाडा दुनिया में टीबी के सबसे कम केस वाले देशों में से एक था। हालांकि पिछले दिनों सामने आए मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। टीबी के मामले ज्यादातर अप्रवासी लोगों में देखे जा रहे हैं। हाल ही में सामने आए प्रकोप के शिकार ज्यादातर वो लोग हुए हैं जिनके पास घर नहीं हैं, इनमें से कई एचआईवी पॉजिटिव भी पाए गए हैं।

भारत में टीबी के हालात
भारत के संदर्भ में बात करें तो यहां टीबी को लेकर हाल के वर्षों में विशेष अभियान चलाकर इस रोग के मामलों को काफी कम करने के प्रयास किए गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 2019 में  (नवीनतम उपलब्ध) भारत के लिए टीबी के आंकड़े 2.64 मिलियन (26.4 लाख) अनुमानित किए थे।17 अक्टूबर, 2019 को जारी डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार टीबी रोगियों की सूची में भारत शीर्ष पर बना हुआ है।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में 2018 में दुनियाभर में एक करोड़ लोगों में टीबी होने का अनुमान लगाया गया था। दुनियाभर में टीबी के 27 फीसदी मामले अकेले भारत से ही आते हैं। यही कारण है कि कनाडा में टीबी आउटब्रेक के बाद भारत की चिंता बढ़ गई है।

टीबी से बचाव के लिए क्या करें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कुछ सावधानियां बरतकर टीबी संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसके लिए अच्छा वेंटिलेशन सबसे आवश्यक है, क्योंकि टीबी के बैक्टीरिया हवा में कई घंटों तक मौजूद रह सकते हैं। इसके अलावा ऐसे स्थानों पर रहें जहां सूर्य का अच्छा प्रकाश मिलता हो, यूवी रेज में टीबी के बैक्टीरिया को मारने की क्षमता होती है। टीबी से बचाव के लिए हाइजीन को ध्यान में रखना भी आवश्यक है। खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकने से टीबी के बैक्टीरिया का प्रसार कम होता है।

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