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अमित मिश्रा ने तोड़ा IPL का नियम, फिर विराट कोहली को किया आउट, अब हरकत पर उठे सवाल

नई दिल्लीः आईपीएल 2023 में लखनऊ सुपर जायंट्स ने लगातार दो जीत दर्ज कर ली हैं. केएल राहुल की कप्तानी वाली टीम ने सोमवार को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को एक रोमांचक मुकाबले में 1 विकेट से हरा दिया. लखनऊ की इस जीत में निकोलस पूरन और मार्कस स्टोइनिस की विस्फोटक पारियों का बड़ा योगदान रहा. लखनऊ की इस जीत के बीच उसके दिग्गज लेग स्पिनर अमित मिश्रा विवाद में फंस गए हैं. मिश्रा ने गेंदबाजी के दौरान कुछ ऐसा किया, जिस पर बैन लगा है.

बेंगलुरु में हुए इस मुकाबले में आरसीबी ने पहले बल्लेबाजी की थी और 20 ओवरों में 212 रन का स्कोर खड़ा किया था. बैंगलोर के लिए उसके पूर्व कप्तान विराट कोहली ने 61 रन की पारी खेली थी. कोहली की पारी का अंत अमित मिश्रा ने ही किया था लेकिन उन्हें आउट करने से पहले अनुभवी लेग स्पिनर ने आईपीएल का एक नियम तोड़ा था.

मिश्रा ने तोड़ा नियम, फिर लिया विकेट
अमित मिश्रा 12वें ओवर में पहली बार गेंदबाजी के लिए आए थे. उनके ओवर की शुरुआत में विराट कोहली स्ट्राइक पर थे. इससे पहले कि मिश्रा गेंद डालते, उन्होंने अपने दाएं हाथ को मुंह पर छुआ और लार (सलाइवा) को गेंद पर रगड़ने के बाद पहली बॉल कराई. विराट ने इस गेंद को डीप कवर्स की ओर खेला था. यहीं पर मिश्रा ने आईपीएल का एक बड़ा नियम तोड़ दिया.


असल में आईपीएल के नियमों के मुताबिक, कोई भी खिलाड़ी गेंद पर सलाइवा का इस्तेमाल नहीं कर सकता. इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा है. मिश्रा की इस हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब देखा जा रहा है. इसी ओवर की तीसरी गेंद पर उन्होंने विराट को आउट कर दिया, जो बड़ी पारी खेलते हुए दिख रहे थे. अब सवाल ये है कि क्या मिश्रा ने ऐसा अनजाने में किया या जानबूझकर उन्होंने नियम तोड़ा.

क्या कहते हैं नियम?
आईपीएल की प्लेइंग कंडीशंस के मुताबिक, अगर कोई खिलाड़ी सलाइवा का इस्तेमाल करते हुए पाया जाता है, तो पहली बार ऐसी गलती पर अंपायर कप्तान को बताकर उन्हें आगाह करेंगे. अगर अंपायर दूसरी बार भी ऐसी हरकत पकड़ते हैं तो कप्तान को फिर से बुलाकर आखिरी चेतावनी दी जाएगी. अगर तीसरी बार भी ऐसा होता है तो दोषी खिलाड़ी पर 10 लाख रुपये या मैच फीस का 25 फीसदी का जुर्माना लगता है.

ICC ने लगाया था बैन
सलाइवा पर प्रतिबंध कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत के बाद आईसीसी ने लगाया था. इसके बाद से हर इंटरनेशनल या घरेलू टूर्नामेंट पर ये नियम लागू हो गया. आईपीएल में भी ये नियम इसी तरह लागू होता है. कोरोना संक्रमण से पहले गेंद को चमकाने के लिए इसका इस्तेमाल आम था, जिससे फील्डिंग टीम गेंद की स्थिति जल्दी पुराना या खराब होने से बचाने के लिए करती थी. इसकी बजाए सिर्फ पसीने के इस्तेमाल की इजाजत मिली.

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