नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र जारी है। मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने की घटना पर सदन में बयान दिया। उन्होंने बताया कि ग्लेशियर के मुहाने पर हिमस्खलन हुआ, जो लगभग 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जितना बड़ा था। इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सभी संबंधित एजेंसियां स्थिति की निगरानी कर रही हैं। बता दें कि ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे में अब तक 26 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. जबकि 170 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि आइटीबीपी के 450 जवान, एनडीआरएफ की पांच टीमें, भारतीय सेना की आठ टीमें, एक नेवी टीम और वायुसेना के पांच हेलीकॉप्टर खोज और बचाव अभियान में लगे हुए हैं। गृह मंत्री ने इस दौरान कहा कि सात फरवरी 2021 के उपग्रह डाटा के अनुसार ऋषि गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में समुद्र तल से 5600 मीटर ऊपर ग्लेशियर के मुहाने पर हिमस्खलन हुआ, जो लगभग 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जितना बड़ा था। इससे ऋषि गंगा नदी के निचले क्षेत्र में फ्लैश फ्लड की स्थिति बन गई।
गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी बताया कि टनल में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए रातभर के अथक प्रयास के बाद सेना ने टनल के मुंह पर पड़े मलबे को साफ कर लिया है, हमारे लोग काफी अंदर तक गए हैं। उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि अब निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा नहीं है और जल स्तर भी घट रहा है। अधिकांश क्षेत्रों में बिजली बहाल हो गई है। बीआरओ पांच क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत का काम कर रही है। राज्यसभा के सदस्यों ने इस आपदा के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी।
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