नई दिल्ली। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर किया तो म्यांमार को पहली बार काली सूची में डाल दिया गया। इसमें उसे ईरान और उत्तर कोरिया के साथ रखा गया है। एफएटीएफ अध्यक्ष सिंगापुर के टी. राजा कुमार ने बताया कि यूक्रेन पर हमला करने के बाद रूस को भविष्य की सभी योजनाओं में भाग लेने से रोक दिया गया है।
रूस ने जब से यूक्रेन पर हमला किया है तब से तमाम बड़े देशों ने उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। रूसी लोगों से लेकर कंपनियों को रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने का खामियाजा भुगतना पड़ा है। इसके अलावा, एफएटीएफ ने बैठक के पूरा होने के बाद रूस की सभी भूमिका पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। टास्क फोर्स ने जून में लगाए गए प्रतिबंधों का विस्तार किया है। वहीं वर्तमान और भविष्य की एफएटीएफ परियोजनाओं में भाग लेने से रोक दिया गया है।
राजकुमार ने शुक्रवार को एफएटीएफ के दो दिवसीय सत्र के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रूस यूक्रेन पर हमला करने पर एफएटीएफ के मूल सिद्धांतों सुरक्षा और वित्त व्यवस्था को बढ़ावा देने का उल्लंघन कर रहा है। उनके मुताबिक, पाकिस्तान ने सभी 34 बिंदुओं पर अच्छा काम किया, लेकिन उसे अभी इस दिशा में और काम करने की जरूरत है।
एफएटीएफ आतंक का वित्त पोषण और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए पाकिस्तान को अपने एशिया पैसेफिक ग्रुप (APG) के साथ सहयोग के लिए प्रोत्साहित करना जारी रखेगा। म्यांमार में तख्तापलट के बाद से अस्थिरता पैदा हो गई है जिसे लेकर एफएटीएफ ने भी चिंता व्यक्त की। एफएटीएफ के मुताबिक म्यांमार अपनी कार्य योजना को पूरा करने में विफल रहा इसलिए एफएटीएफ ने म्यांमार को काली सूची में डाल दिया।
वित्तीय मदद हासिल करने के प्रयास करेगा पाकिस्तान
ग्रे सूची से निकलने के बाद पाकिस्तान आर्थिक बदहाली से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), वर्ल्ड बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) और यूरोपीय यूनियन (EU) से वित्तीय मदद हासिल करने के प्रयास करेगा।
कांगो, तंजानिया और मोजांबिक को किया शामिल
एफएटीएफ ने डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, तंजानिया, ईरान और मोजांबिक को ग्रे सूची में शामिल किया है। पाकिस्तान के साथ निकारागुआ को भी इससे निकाला गया है।