इन्दौर (Indore)। लोन एप (loan app) के माध्यम से लोन लेना कई लोगों को भारी पड़ रहा है। इंदौर में इसके चक्कर में अब तक दो लोग आत्महत्या (suicide) कर चुके हैं। ये एप चायनीज है और वसूली करने वाली गैंग दिल्ली से आपरेट होती है, लेकिन पुलिस उन तक नहीं पहुंच पाती है। पहले मामले में पुलिस आरोपियों (police accused) को नहीं पकड़ सकी है। इसके चलते ये शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। इंदौर में हर माह क्राइम ब्रांच के पास दो सौ से ढाई सौ शिकायतें पहुंचती हैं।
कुछ माह पहले परदेशीपुरा क्षेत्र के एक व्यापारी ने एप लोन लेने के बाद मिल रही धमकियों के चलते आत्महत्या कर ली। कल फिर हीरानगर में रहने वाले अमय पिता दीपक ने फांसी लगाकर जान दे दी। उसने भी एप के माध्यम से ऑनलाइन लोन लिया था, जिसकी वसूली के लिए उसे नोटिस और मैसेज कर धमकी दी जा रही थी। पुलिस इस मामले में मर्ग कायम कर जांच करने का दावा करती है, लेकिन आरोपियों तक नहीं पहुंच पाती है, क्योंकि ये एप चायनीज हैं और इन कंपनियों ने वसूली के लिए इंडिया की कंपनियों को ठेका दे रखा है, जो ज्यादातर दिल्ली से आपरेट करती हैं। ये सभी कंपनियां छोटे लोन बांटती है।
आसानी से मिलने के कारण लोग इनके जाल में फंस जाते हैं और बाद में वसूली के लिए मिलने वाली धमकियों से परेशान हो जाते हैं। क्राइम ब्रांच में हर साल सायबर अपराधों से संबंधित बीस हजार से अधिक शिकायते पहुंचती हैं। इनमें से बीस प्रतिशत शिकायतें वसूली के लिए धमकी की होती है। एक अनुमान के अनुसार पिछले साल क्राइम ब्रांच के पास ऐसी तीन हजार से अधिक शिकायतें पहुंची थीं। इस हिसाब से हर माह दो सौ से ढाई सौ शिकायतें पहुच रही हैं, लेकिन गूगल, फेसबुक से जानकारी नहीं मिलने के कारण पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच पाती है और यह सिलसिला जारी है।
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