इस्लामाबाद. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में महंगाई (Dearness) को लेकर जारी बवाल हिंसक (riot violent) रूप अख्तियार कर चुका है. पाकिस्तानी सुरक्षाबल और स्थनीय पुलिस का दमनचक्र बर्बरता की इंतहा पार कर चुका है. निर्दोष लोगों पर लाठीचार्ज (lathicharge) के साथ ही गोलियां तक बरसाई जा रही हैं. खानेपीने की सामग्रियों के साथ ही बिजली का बिल और LPG की कीमतें आसमान को छू रही हैं. सरकार की ओर से किसी तरह की रियायत नहीं मिलने पर लोग सड़कों पर उतर कर विरोध-प्रदर्शन करने लगे. पुलिस प्रदर्शनों को दबाने के लिए बर्बर तरीका अपना रही है. बताया जा रहा है कि उग्र लोगों ने एक SHO की हत्या कर दी. वहीं, एक आमलोग भी मारा गया है. इससे हालात और भी तनावपूर्ण हो चुके हैं.
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता अमजद अय्यूब मिर्जा ने बताया कि पाकिस्तानी सुरक्षाबल निहत्थे आम नागरिकों पर गोलियां बरसा रहे हैं. हिंसक झड़प में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई. मिर्जा ने बताया कि एक SHO भी मारा गया है. बताया जा रहा है कि महंगाई से त्रस्त प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी. मिर्जा की मानें तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हालात बेकाबू हो चुके हैं. भारत को इसपर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत को हस्तक्षेप कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को आजाद कराना चाहिए.
बाजार बंद, जनजीवन प्रभावित
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में पुलिस कार्रवाई के विरोध में आयोजित हड़ताल के दौरान व्यावसायिक प्रतिष्ठान नहीं खुले और आम जनजीवन प्रभावित हुआ. इस दौरान सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी देखने को मिली. प्रदर्शनकारियों के पथराव करने के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. ‘डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी (जेकेजेएएसी) के आह्वान पर शुक्रवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में कामकाज बंद रखने और चक्का जाम से जुड़ी इस हड़ताल के दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा पथराव करने के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. इससे घरों और मस्जिदों में रह रहे लोग भी प्रभावित हुए हैं.
कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन
पीओके के समहनी, सेहंसा, मीरपुर, रावलकोट, खुइरत्ता, तत्तापानी, हट्टियन बाला में विरोध प्रदर्शन हुए. जेकेजेएसी ने मुजफ्फराबाद और मीरपुर संभाग के विभिन्न हिस्सों में रातभर की छापेमारी में अपने कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद शुक्रवार को बंद का आह्वान किया था. बिजली बिल पर लगाए गए ‘अन्यायपूर्ण’ करों के विरोध में प्रदर्शन की आग भड़क उठी है. पिछले साल अगस्त में भी इसी तरह की हड़ताल का आयोजन किया गया था.