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सिंगापुर की कंपनी को भारी पड़ी लापरवाही, भारतीय कर्मचारी को देना पड़ सकता है 60 लाख का हर्जाना

सिंगापुर। भारतीय नागरिक (Indian Citizen) ने सिंगापुर (Singapore) की एक कंपनी पर लापरवाही (negligence on company) का आरोप लगाया था, जिसके पक्ष में करीब दो साल बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। ऐसे में कंपनी को करीब 73 हजार डॉलर यानी 60 लाख रुपये से अधिक का हर्जाना देना पड़ सकता है। दरअसल, कंपनी के वाहन से उतरते समय शख्स के पैर में फ्रैक्चर (fracture in man’s leg) हो गया था। उसने आरोप लगाया था कि कंपनी अपने कर्मचारियों को उनके कार्यस्थल तक पहुंचाने वाले वाहन से उतरने की सुरक्षित प्रणाली प्रदान करने में विफल रही

37 साल के रामलिंगम मुरुगन समुद्री जहाज मरम्मत कंपनी ‘रिगेल मरीन सर्विसेज’ में स्ट्रक्चरल स्टील और जहाज पेंटर के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने बताया कि साल 2021 की तीन जनवरी को सुबह लगभग सात बजे 12 फुट की लॉरी से करीब 24 कर्मचारियों को कंपनी परिसर में ले जाया जा रहा था। पहले एक जगह पहुंचने के बाद उतरना था। फिर बाद में दूसरी लॉरी में सवार होकर कंपनी परिसर पहुंचना था। उन्होंने कहा कि जब पहली जगह पहुंचकर दूसरी लॉरी में चढ़ना था। उस समय तेज बारिश हो रही थी। ऐसे में सभी कर्मचारियों को दूसरी लॉरी में जाने की जल्दी थी।

शख्स ने आरोप लगाया कि जब वह लॉरी से उतर रहे थे उस समय वाहन का टेलबोर्ड नीचे नहीं किया गया था, इसलिए उसे पकड़ने के लिए उन्होंने अपने दोनों हाथों का इस्तेमाल किया। फिर उन्होंने लॉरी के पायदान पर पैर रखने के लिए उल्टा पैर आगे रखा। इस दौरान उतरने के लिए इतंजार कर रहे किसी सहकर्मी ने उन्हें धक्का दे दिया। इससे वह अपना संतुलन खो बैठे और जमीन पर गिर गए।


उन्होंने कहा कि गिरने की वजह से पूरा घुटना सूज गया था। उन्हें तुरंत साइट पर एक कार्यशाला में ले जाया गया। बाद में जब दर्द कम नहीं हुआ तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया और पता चला कि उनके दाहिने पैर में फ्रैक्चर हो गया है। फ्रैक्चर के लिए उनका सर्जिकल उपचार किया गया और वह लगभग पांच महीने तक चिकित्सा अवकाश पर रहे।

मुरुगन ने अपनी कंपनी पर मुकदमा दायर किया। कहा कि दुर्घटना कंपनी की लापरवाही या कर्तव्य के उल्लंघन के कारण हुई थी। हालांकि, कंपनी ने दावों का खंडन किया था और कहा था कि मुरुगन लॉरी से नीचे उतरते समय फिसल कर गिर गए थे। कंपनी ने कहा था कि दुर्घटना मुरुगन की खुद की लापरवाही के कारण हुई थी।

जज ने सबूतों को देखते हुए कहा कि लॉरी में 22 से अधिक लोगों को ले जाया जा रहा था। इससे साफ पता लगता है कि जरूरत से ज्यादा लोग मौजूद थे। ऐसे में कोई शक नहीं है कि मुरुगन को गलती से धक्का नहीं लगा हो। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को उपलब्ध कराए गए फैसले में जिला न्यायाधीश टैन मे टी ने मुरुगन के पक्ष में फैसला सुनाया। हालांकि, अभी हर्जाने के बारे में कुछ नहीं कहा है। मुरुगन के वकील मुहम्मद अशरफ सैयद अंसराय ने हर्जाने के तौर पर 73,400 अमेरिकी डॉलर यानी 60 लाख से अधिक रुपये की मांग की है।

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