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लड़की की शादी की उम्र बढ़ाने के प्रस्ताव पर सपा सांसद के के बाद ओवैसी ने भी दिया बेतुका बयान

हैदवाबाद/मुरादाबाद । लड़कियों के विवाह की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने के प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट (central cabinet) ने मंजूरी दे दी है, लेकिन देश की राजनीतिक पंडितों को इस पर बयानबाजी (rhetoric) करने का मौका जरूर मिल गया है। अब यूपी के मुरादाबाद मंडल में समाजवादी पार्टी के दो सांसदों को ठीक नहीं लग रहा है। मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉ. एसटी हसन के साथ संभल लोकसभा क्षेत्र के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क को लगता है कि 21 वर्ष की उम्र में लड़की की शादी करना गलत है।



बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट ने बाल विवाह निषेध संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। माना जा रहा है कि अब इसे संसद के इसी सत्र में पेश किया जाएगा। अभी कानून में तय बेटियों की शादी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है जबकि लड़कों की शादी की न्यूनतम आयु 21 वर्ष है। बेटियों की शादी की न्यूनतम उम्र बढ़ाकर 21 कर दिये जाने के बाद लड़कों और बेटियों की शादी की न्यूनतम आयु बराबर हो जाएगी।


जिस पर सांसद डॉ. हसन ने कहा कि मैं समझता हूं कि अगर बच्ची समझदार है तो बच्ची की शादी 16 वर्ष की उम्र में भी हो जाए तो उसमें कोई बुराई नहीं है। अगर लड़की 18 साल की उम्र में वोट दे सकती है तो शादी क्यों नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 18 से 21 वर्ष करने के प्रस्ताव से मैं सहमत नहीं हूं।
वहीं दूसरी ओर AIMIM प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि 18 साल में लड़की जब वोट दे सकती है तो अपना पार्टनर क्यों नहीं चुन सकती। ओवैसी का कहना है कि आप सरकार हैं, मोहल्ले के चाचा या अंकल नहीं हैं कि आप फैसला करेंगे कि कौन कब शादी करेगा या क्या खाना खाएगा। उन्‍होंले कहा कि सेक्सुअल और लिव-इन का तो सरकार कानूनी अधिकार दे रही है तो 18 की उम्र में शादी का क्यों नहीं? अमेरिका में ऐसे कई राज्य हैं जहां 14 साल में शादी की इजाजत है. ब्रिटेन और कनाडा में 16 साल की उम्र में शादी का अधिकार है।

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