विदेश

पाकिस्तान में चर्च तोड़ने की घटना की UAE ने की निंदा, दी नसीहत

अबू धाबी (Abu Dhabi)। पाकिस्तान (Pakistan) में ईशनिंदा (Blasphemy) के आरोप में पांच गिरजाघर तोड़े जाने (five Churches demolished) की घटना की चौतरफा निंदा हो रही है। संयुक्त अरब अमीरत (United Arab Emirates – UAE) ने भी घटना की निंदा की है। यूएई ने पाकिस्तान में चरमपंथियों द्वारा गिरजाघरों और ईसाईयों पर हमले की आलोचना करते हुए बयान जारी किया।

संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को जारी किए गए बयान में कहा कि घृणास्पद भाषण, बयान और उग्रवादी लोग सहिष्णुता, सह-अस्तित्व और शांति के मूल्यों को फैलाने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को बधित करते हैं। पाकिस्तान में मानवीय और नैतिक मूल्यों के साथ सिद्धांतों की सुरक्षा को खत्म कर दिया गया है।


रिलीज में उन्होंने कहा कि यह वह समय है जब वैश्विक स्तर पर हमें सहिष्णुता, शांति और सर्वभौमिक सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए एक साथ मिलकर काम करना है। ऐसे समय में धार्मिक उत्तेजना पर काबू करना चाहिए। धार्मिक प्रतीकों का सम्मान करना चाहिए। हमें ध्रुवीकरण से बचने की आवश्यकता है। हालांकि, यूएई ने अपने बयान में आपराधिक घटना से निपटने में पाकिस्तानी सरकार द्वारा अपनाए गए उपायों की सराहना की।

यह है पूरा मामला
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, इस्लाम के पवित्र ग्रंथ कुरान की बेअदबी से लोग नाराज थे, जो थोड़ी ही देर में हिंसक हो गए। उन्होंने पंजाब के फैसलाबाद में एक के बाद एक लगातार पांच गिरजाघरों में तोड़फोड़ मचा दी। भीड़ ने चर्च के आस-पास रहने वाले लोगों के घरों को भी जला दिए। वहां, रहवासियों के साथ मारपीट और लूटपाट भी की गई। पंजाब सरकार के अंतरिम सूचना मंत्री अमीर मीर का कहना है कि उन्होंने घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिए आदेश जारी किए हैं। उन्होंने शांति भंग करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। मंत्री का कहना है कि यह घटना एक सोची-समझी साजिश है।

आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत दर्ज होगा मामला
पाकिस्तानी पुलिस के अनुसार, भीड़ का नेतृत्व करने वाले आठ लोगों की पहचान की गई है। इनमें से एक कथित तौर पर जमात अहल-ए-सुन्नत और दूसरा तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) से जुड़ा है। पुलिस ने घटना में शामिल करीब 100 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने आतंकवाद विरोधी अधिनियम लगाई है। जरनवाला सिटी पुलिस स्टेशन के अधिकारी आसिफ अली का कहना है कि मुहम्मद अफजल और चमरा मंडी के चार अन्य मुसलमानों ने राजा अमीर मसीह और उनकी बहन राकी मसीह पर कुरान का अपमान करने और पैगंबर के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने भाई-बहन के खिलाफ भी धारा 295 (सी) और 295 (बी) के तहत मामला दर्ज किया है।

बिशप ने ट्वीट कर जताया दुख
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, घटनास्थल में करीब 6000 से अधिक सुरक्षाबल तैनात हैं। इसाई नेताओं का आरोप है कि पूरी घटना के दौरान पुलिस सिर्फ दर्शक बनी रही। चर्च ऑफ पाकिस्तान के अध्यक्ष बिशप आजाद मार्शल ने घटना के दिन ट्वीट कर बताय था कि ईसाइयों पर अत्याचार और उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। हम बेहद दुखी हैं। बाइबिल का अपमान किया जा रहा है। चर्च जलाए जा रहे हैं। ईसाइयों पर कुरान की बेअदबी करने का झूठा आरोप लगाया गया है। उन्हें प्रताड़ित किया गया है। हम न्याय की गुहार लगाते हैं।

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