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अस्‍थमा मरीजों को सर्दियों में रखना चाहिए ऐसा डाइट प्‍लान, पढ़ें

इस बार की सर्दी अस्थमा के मरीजों को परेशान कर सकती है। इस मौसम में एक तरफ कोरोना जोरों पर है तो दूसरी तरफ पॉल्यूशन की मार अस्थमा के मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। सर्दी का मौसम अस्थमा के मरीजों के लिए कई तरह की परेशानी साथ लेकर आता है।

इस मौसम में अस्थमा के मरीजों के वायुमार्ग में सूजन हो जाती है, जो ठंड में और बढ़ जाती है, जिसकी वजह से मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है।

इस मैसम में कोल्ड, फ्लू और वायरस का खतरा भी बढ़ जाता है, इसलिए सर्द मौसम अस्थमा के मरीजों को परेशान करने वाला होता है। इम मौसम में अस्थमा के मरीजों को चाहिए कि वो अपनी डाइट का खास ध्यान रखें। आइए जानते हैं कि ठंड के मौसम में अस्थमा के मरीज अपनी डाइट में किन चीजों को शामिल करें, और उनका डाइट प्लान कैसा हो?

अस्थमा के मरीजों का डाइट प्लान

अगर आप अस्थमा के शिकार हैं तो सुबह उठ कर सबसे पहले एक-दो गिलास गुनगुना पानी पीएं।

नाश्ता आप सुबह 8-9 के बीच में करें। नाश्ते में आप दलिया/ पोहा/ स्प्राउट्स/ उपमा या रोटी + उबली हुई सब्जी और फल भी खा सकते हैं।

दिन का खाना आप 1-2 दे बीच खा सकते है। खाने में 1 कटोरी हरी सब्जियां+ दो रोटी + 1 कटोरी डाल + सलाद / खिचड़ी का सेवन करें ।

शाम का नाश्ता आप 5-6 बजे के बीच में करें। शाम के नाश्ते में आप सूप/ जूस या फलों को काट कर खा सकते हैं।

रात का भोजन आप 7-8 बजे तक कर सकते है। रात में 2 रोटियां + 1 कटोरी हरी सब्जियां + 1 कटोरी दाल खा सकते हैं।
सोने से पहले आप एक गिलास गर्म दूध भी पी सकते हैं।

आइए जानते हैं कि अस्थमा के मरीजों को कौन- कौन से खाद्य पदार्थ खाने चाहिए

अस्थमा के मरीज विटामिन C का सेवन करें। खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, कीवी, ब्रोकली, टमाटर, मटर आदि का भरपूर इस्तेमाल करें।

विटामिन E युक्त आहार जैसे पालक, आम,बादाम, मूंगफली, पीनट बटर, सूरजमुखी के बीज आदि का सेवन करें।

बीटा कैरोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे गाजर, रेड पेपर , हरी पत्तेदार सब्जियां, सूखे खुबानी, शकरकंदी आदि का इस्तेमाल करें।

ओमेगा-3 फूड्स जैसे सालमोन मछली, टूना मछली, अलसी के बीजों का सेवन करें।

फ्लेवोनॉइडस ग्रीन और ब्लैक टी, सेब, प्याज, सलाद, टमाटर, बीन्स, शकरकंद और क्विनोआ आदि में पाया जाता है इसका इस्तेमाल करें।

अस्थमा के मरीजों में विटामिमन डी का लेवल कम होता है, इसलिए इस लेवल को सही रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी का सेवन करें।

नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्‍य जानकारी के लिए हैं इन्‍हें किसी प्रोफशनल डॉक्‍टर की सालाह के रूप में न समझें । कोई भी बीमारी या परेंशानी होनें की स्थिति में डॉक्‍टर की सलाह जरूर लें ।

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