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अटल प्रगति पथः किसानों को भूमि बदले दी जाएगी डबल जमीन, परिसम्पत्ति की दोगुना कीमत

मुरैना। चंबल संभाग के कमिश्नर आशीष सक्सेना ने कहा है कि अटल प्रगति पथ के लिये किसानों से उनकी ली जाने वाली जमीन के बदले उन्हें डबल जमीन उपलब्ध करायी जायेगी, इसी तरह अटल प्रगति पथ के निर्माण में आने वाली विभिन्न परिसम्पत्तियों की कीमत भी सरकार दोगुना देगी।

उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि जिस गांव का किसान है, उसको उसी गांव में शासकीय जमीन उपलब्ध कराई जाये। उसे निकट के गांव में जमीन उपलब्ध करायें। प्रायवेट जमीन के 31 अक्टूबर तक खसरे के केस लगवाये जायें, प्रकरणों को कलेक्टर कोर्ट में दर्ज करायें। गांव में कैम्प लगाकर जमीन अधिग्रहण संबंधी कार्यवाही के लिये अधिकारी, कर्मचारी रात्रि में गांव में ही रूककर निपटाएं।

मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के एमडी शशांक मिश्रा ने कहा कि अटल प्रोग्रेस-वे की सभी कार्यवाहियां निर्धारित समय-सीमा के अंदर पूर्ण की जायें। आगामी 31 अक्टूबर तक सभी प्रायवेट केसेस दर्ज हो जायें। फोरेस्ट के रिवाइज प्रोसेस को अपडेट कर लें। कौन से गावं में कौन सी टीम रहेगी, उसके आदेश सभी को मिल जायें। सभी एसडीएम के पास नोडलों के नंबर उनके पास रहें। संयुक्त सर्वे में जो अपडेट आए हैं, उसको दो से तीन दिन में अपडेट करें। नियुक्त अधिकारी जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में ही बैठकर काम करें। अधिकारियों के बीच किसी भी तरह के कम्यूनीकेशन में गैप नहीं होना चाहिये।

चंबल संभाग के कमिश्नर आशीष सक्सेना और मध्यप्रदेश आरडीसी के एमडी शशांक मिश्रा गुरुवार को मुरैना में अटल प्रगति पथ परियोजना के लिये अधिग्रहण की जा रही भूमि के हस्तान्तरण की प्रक्रिया को और तेजी से पूर्ण कराने के लिये राजस्व, एम.एच.ए.आई. म.प्र. सड़क विकास निगम के संयुक्त अधिकारियों की कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

बैठक में चंबल रेन्ज के पुलिस महानिरीक्षक सचिन अतुलकर, कलेक्टर बी.कार्तिकेन, एमपीआरडीसी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर दीपक वाली, एन.एच.ए.आई के राजेश गुप्ता, जिला पंचायत सीईओ रोशन कुमार सिंह, संयुक्त विकास आयुक्त राजेन्द्र सिंह, अपर कलेक्टर नरोत्तम भार्गव सहित मुरैना जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी मौजूद थे।

बैठक में पावर प्रजेन्टेशन के माध्यम से बताया गया कि मुरैना जिले में 1077.72 हेक्टेयर शासकीय भूमि में से 646.76 हेक्टेयर भूमि एन.एच.ए.आई को स्थानान्तरित की गई है। 286.66 हेक्टेयर शासकीय भूमि के चिन्हांकन तथा सीमांकन की अद्यतन स्थिति है।

समीक्षा के दौरान चंबल कमिश्नर ने कहा कि मुरैना के 57 प्रकरण आरसीएमएस में अगले दो दिवस में लगाये केस दर्ज कराने के लिये एनएचएआई के 4 कर्मचारी लगाकर इस कार्य को करायें। कमिश्नर ने कहा कि दो दिवस में केस दर्ज हो जाने पर साइड वाई साइड ऑर्डर (पजेशन) देते जाये। कमिश्नर ने कहा कि जिनके आदेश मिल गये है, उनके नक्शे में इलेक्ट्रॉनिक तरवीन तत्काल होना चाहिये। यह कार्य राजस्व शुद्धिकरण अभियान के साथ होता चले।

कलेक्टर ने कहा कि 30 अक्टूबर 2021 तक सरकारी जमीन को अधिपत्य एनएचएआई को दे दिया जायेगा। कमिश्नर ने कहा कि प्रायवेट भूमि अधिग्रहण करने के लिये बड़े पैमाने पर कैम्प आयोजित किये जाये। कैम्प में लोगों को इस राष्ट्रहित के काम में भूमि उपलब्ध कराने के लिये प्रेरित किया जाये। उन्होंने पटवारियों से कहा कि जहां-जहां दिक्कत आये, वे प्रति मंगलवार को होने वाली वीट मीटिंग में उपस्थित होकर अपनी समस्याओं संबंधित को एसडीएम बताये।

एमपीआरडीसी के एमडी शशांक मिश्रा ने कहा कि शेष भूमि का चिन्हांकन तथा सीमांकन 25 नवम्बर 2021 तक कर लें। संशोधित एकरेखण के अनुसार शेष शासकीय भूमि को 30 नवम्बर तक एनएचएआई को हस्तांतरण किया जाये। 30 नवम्बर तक संपूर्ण आरओ डब्ल्यू की सीमांकन तथा पीलरों को लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। एनएचएआई को निजी भूमि का अदला-बदली राहत आवंटन कार्य 15 दिसतम्बर 2021 तक पूर्ण किया जाये। एलाईनमेन्ट को संशोधित प्रस्ताव वनमण्डलाधिकारी द्वारा ऑनलाइन अपलोडिंग करें। (एजेंसी, हि.स.)

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