इंदौर न्यूज़ (Indore News)

आदिवासी की जमीन पर बने कॉलेज की नीलामी रोकी, कोर्ट स्टे भी उजागर हुआ

  • अधिकारियों से मिलीभगत कर कल नीलामी के किए थे प्रयास, मगर उससे पहले कलेक्टर से मिलने पहुंचे पीडि़त और दस्तावेजों के साथ बताईं हार्डिया की करतूतें, कलेक्टर ने रुकवाई कार्रवाई

इंदौर। अग्निबाण में खबर छपने के बाद आदिवासी की जमीन पर होने वाले कॉलेज भवन की नीलामी को रुकवाने कल कलेक्टर के पास पीडि़त परिवार और आदिवासी नेता पहुंचे। दस्तावेजों के साथ जब हकीकत बताई कि जिस जमीन पर बनी बिल्डिंग को नीलाम किया जा रहा है, उस पर जहां कोर्ट का स्टे है, वहीं इस जमीन को आदिवासी परिवार के नाम पर ही प्रशासन कुछ समय पूर्व कर चुका है और अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर कॉलेज संचालक अजय हार्डिया ने अपने असल कॉलेज और प्रॉपर्टी की बजाय, इस विवादित कॉलेज को नीलामी के लिए कुर्क करवा दिया था। कलेक्टर ने तुरंत ही नीलामी की प्रक्रिया रुकवा दी।

छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल देवी अहिल्या पैरामेडिकल कॉलेज के मालिक अजय हार्डिया ने चालाकी करते हुए वसूली के लिए जो 1 करोड़ 59 लाख 60 हजार रुपए की राशि निकली उसके लिए आदिवासी की जमीन पर बनी बिल्डिंग को प्रशासनिक सांठगांठ के चलते कुर्क करवाया और फिर उसकी नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू करवा दी। प्रशासन ने बकायदा विज्ञप्ति जारी कर सांवेर तहसील के ग्राम बड़ौदा अर्जुन में स्थित कॉलेज भवन को नीलाम कर बकाया भू-राजस्व वसूली करना बताया और क्षिप्रा क्षेत्र नायब तहसीलदार संजय गर्ग ने नीलामी की कार्रवाई कल 14 जुलाई को ही दोपहर 2 बजे अपने तहसील कार्यालय क्षिप्रा परिसर में आयोजित कर ली।

अग्निबाण ने इस संबंध में 7 जुलाई को खबर का प्रकाशन किया, जिसमें गलत बिल्डिंग को कुर्क करवाने की जानकारी भी दी गई। लिहाजा कल वास्तविक जमीन मालिक आदिवासी सुनील रावत ने दलित नेता मनोज परमार के साथ कलेक्टर कार्यालय जाकर संबंधित जमीन के दस्तावेज और पूर्व कलेक्टर द्वारा पारित किए गए आदेश की जानकारी कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी को दी। कलेक्टर को बताया गया कि अजय हार्डिया ने सर्वे नंबर 308/1 और 305/3 रकबा 0.373 का फर्जी तरीके से नामांतरण, डायवर्शन, टीएनसीपी करवाकर अवैध कॉलेज का निर्माण भी कर देवी अहिल्या पैरामेडिकल का संचालन किया जाने लगा। जब इसकी शिकायत तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह को की गई तो उन्होंने जमीन का नामांतरण निरस्त कर आदिवासी धुलजी और जगन्नाथ के नाम पर नामांतरण करने और अजय हार्डिया पर एफआईआर के आदेश भी दिए।


हार्डिया ने इस अवैध बिल्डिंग पर ऋण भी ले लिया और साथ में छात्रवृत्ति घोटाला अलग किया, जिसके चलते राजस्व विभाग ने 1 करोड़ 59 लाख 60 हजार की वसूली के चलते कॉलेज की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर डाली। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने सभी दस्तावेजों को देखने और मामले की हकीकत जानने के बाद मौके पर ही मौजूद सांवेर एसडीएम आरएस मंडलोई को उक्त नीलामी रोकने के आदेश दिए। श्री मंडलोई ने भी इसकी पुष्टि करते हुए अग्निबाण को बताया कि कल जो नीलामी आयोजित की गई थी उसे तुरंत रूकवा दिया, वहीं अब अजय हार्डिया और उसके परिवार की सम्पत्ति को तलाश कर उसकी कुर्की की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि कुर्की की असल कार्रवाई हार्डिया के खिलाफ 1, आनंद नगर स्थित पैरामेडिकल कॉलेज पर होना थी, जहां पर दो प्लॉटों की रजिस्ट्री उसके नाम पर है और देवी अहिल्या कैंसर केयर के साथ एक दूसरा अस्पताल भी चल रहा है और इसकी बजाय हार्डिया ने प्रशासनिक सांठगांठ कर अर्जुन बड़ौदा स्थित आदिवासी की जमीन पर बने अवैध कॉलेज को कुर्क करवा दिया। मजे की बात यह है कि इस पर कोर्ट का भी स्टे है और अपर तहसीलदार ने 13.10.2021 को कलेक्टर को भेजे पत्र में भी यह स्पष्ट किया कि मूल आदिवासी भू-स्वामियों के नाम पर जमीन दर्ज की जा चुकी है और भवन यानी कॉलेज का कब्जा भी मूल भूमि स्वामी के मृतक होने पर उनके वारिसों को सौंप दिया है और भवन में चूंकि अजय हार्डिया का सामान रखा है तो उसे खाली करवाकर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस अभिरक्षा में रखवाकर तीन दिन में भवन खाली करने का नोटिस दिया गया, मगर उस पर 12.10.2021 को इंदौर हाईकोर्ट से स्थगन आदेश मिल गया। यानी राजस्व अमले ने स्टे के बावजूद कॉलेज की नीलामी निकाल दी

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