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अवन्तिका तीन लोक से न्यारी, इस अदभुत नगरी में सब कुछ अलौकिकः शिवराज

मुख्यमंत्री ने जय श्रीमहाकाल स्तुति गीत को किया बाबा महाकाल को समर्पित

भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ((Chief Minister Shivraj Singh Chouhan)) ने कहा कि आज उज्जयिनी का जन्म उत्सव है। अवन्तिका नगरी (Avantika Nagri) तीन लोक से न्यारी और प्यारी है। उज्जयिनी नगरी अलौकिक और अदभुत (supernatural and wonderful) नगरी है, जो अपनी संस्कृति और परम्परा (own culture and tradition) को सहेजे हुए है। यहां आकर हमेशा एक अदभुत और दिव्य अनुभव होता है। उज्जैन (Ujjain) का शुद्ध एवं सात्विक वातावरण सबका मन मोहता है। आज का दिन अदभुत है, आज गुड़ी पड़वा है। इस दिन विक्रम संवत का प्रारम्भ हुआ। सम्राट विक्रमादित्य ने उस काल में शको और हुणों को पराजित कर विजयी भारत की नींव रखी। हमें यह याद रखना चाहिये कि हमारी संस्कृति हजारों वर्ष पुरानी है। सनातन नया वर्ष आज प्रारम्भ हो रहा है और इसी दिन वर्ष 2005 से हमने विक्रमोत्सव मनाना शुरू किया था। आज ही के दिन अवन्तिका का गौरव दिवस मनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री चौहान बुधवार देर शाम उज्जैन के गौरव दिवस तथा भारत उत्कर्ष नवजागरण और वृहत्तर भारत की सांस्कृतिक चेतना पर एकाग्र विक्रमोत्सव कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। ‍शिप्रा तट (दत्त अखाड़ा घाट) पर आयोजित कार्यक्रम में प्रसिद्ध पार्श्व गायक शान और उनके दल की भव्य संगीत निशा हुई।


विक्रमोत्सव पर रोशनी में जगमगाया शिप्रा तट
शहर में शिप्रा नदी का तट बुधवार शाम को विक्रमोत्सव के मौके पर रोशनी से जगमग हो उठा। विक्रम संवत 2080 नववर्ष के मौके पर यह आयोजन किया गया। आतिशबाजी भी की गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी यहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि महाकाल लोक का दूसरा चरण जुलाई में पूरा होगा। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि गुढ़ी पड़वा के मौके पर उज्जैन नगर निगम की ओर से गौरव दिवस सम्मान दिया जाएगा। इसमें सवा लाख रुपये की राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन का गौरव सबको गौरवान्वित करता है। उज्जैन की अपनी धार्मिक एवं सांस्कृतिक पहचान है जो युगों से पल्लवित होती रही है। सृष्टि के आरम्भ से ही उज्जयिनी का अस्तित्व माना जाता है। युग बदलते गये और उज्जैन को उज्जयिनी, अवन्तिका, कनकश्रृंगा आदि नामों से जाना जाता रहा है। उन्होंने कहा कि गरूड़ पुराण में उज्जैन को सर्वश्रेष्ठ नगरी बताया गया है। वहीं अग्निपुराण में उज्जयिनी को मोक्षदा कहा गया है। पार्वती माँ के कहने पर भगवान शिव ने उज्जयिनी नगरी बसाई थी। इसीलिये उज्जयिनी नगरी को विशाला भी कहते हैं।

श्रीमहाकाल लोक के बाद ओरछा में श्री राम लोक का निर्माण होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन में श्रीमहाकाल लोक के निर्माण से न केवल मध्यप्रदेश अपितु देश में उज्जैन का नाम गौरवांवित हुआ है। पूरे विश्व में भारत और श्रीमहाकाल लोक छाये हुए हैं। विदेशी पर्यटक भी उज्जैन आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जुलाई माह तक श्रीमहाकाल लोक का दूसरा भाग तैयार हो जायेगा। मध्यप्रदेश आगे और भी नये आयाम स्थापित करेगा। यह नया मध्यप्रदेश है। श्रीमहाकाल लोक के बाद ओरछा में श्रीराम लोक, चित्रकूट में वनवासी लोक और सलकनपुर धाम में देवी लोक बनायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपनी संस्कृति और परम्परा न भूलें। इसको स्थापित करने के लिये अपना सर्वस्व योगदान दें।

मुख्यमंत्री ने गौरव दिवस पर जय श्रीमहाकाल स्तुति गीत के पूर्ण संस्करण को लांच कर बाबा महाकाल को समर्पित किया। प्रख्यात बॉलीवुड सिंगर पद्मश्री कैलाश खेर, पद्मश्री शंकर महादेवन, पद्मश्री सोनू निगम एवं अरिजीत सिंह ने गीत में अपनी आवाज दी है। संस्कृति विभाग, पर्यटन विभाग और श्रीमहाकाल मंदिर न्यास द्वारा यह गीत तैयार कराया गया।

मुख्यमंत्री ने उज्जयिनी गौरव रत्न सम्मान प्रदान किया
पर मुख्यमंत्री ने गौरव दिवस विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले विख्यात विभूतियों को उज्जयिनी गौरव रत्न सम्मान प्रदान किया। सम्मान में शाल एवं प्रशंसा-पत्र प्रदान किये। चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर डॉ. सीएम पौराणिक, शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. रामराजेश मिश्र, साहित्य के क्षेत्र में शिव चौरसिया, विधि के क्षेत्र में कुलदीप भार्गव, अभियांत्रिकी के क्षेत्र में श्रीकान्त वैशंपायन, ज्योतिष के क्षेत्र में शिवेंद्र चंद्र द्विवेदी, उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र में मुकेश रांका तथा खगोलशास्त्र के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये घनश्याम रत्नानी को सम्मान प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने संस्कृति विभाग द्वारा स्थापित वेदव्यास सम्मान, वर्ष 2019-20 के लिये अंकुर एजुकेशन अल्टरनेटिव सोसायटी के प्रभात कुमार झा और सुशीला को प्रदान किया। वर्ष 2020-21 का वेदव्यास सम्मान आर. बालाशंकर नई दिल्ली और अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद सम्मान बालगोकुलम संस्था केरल के बाबूलाल जी एवं टी. शिवकुमार को प्रदान किया।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक नये भारत का उदय हुआ है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हर वर्ष अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार नया साल मनाते हैं। हम अपने वर्ष प्रतिपदा, गुड़ी पड़वा एवं विक्रम संवत को भूल चुके थे। यह दर्द मुझे हमेशा रहता था कि हम प्राचीन इतिहास को भूलने लगे हैं। इसलिये मैंने तय किया कि हर वर्ष गुड़ी पड़वा एवं नव संवत्सर पर्व को पूरी परम्परा के साथ मनाया जायेगा और प्राचीन भारत के गौरव को पुन: स्थापित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नये भारत का उदय हुआ है। भारत की कीर्ति चहुँओर फैल रही है। उन्होंने कहा कि हमने अपने गौरव को पुन: स्मरण करने के लिये गुड़ी पड़वा पर अवकाश भी घोषित किया हुआ है।

पुस्तकों एवं कैलेण्डर का विमोचन
मुख्यमंत्री ने गौरव दिवस पर 4 पुस्तक का विमोचन किया। इसमें अयोध्या, सामाजिक एवं आर्थिक कल्याण, सम्राट विक्रमादित्य एवं जल परम्पराएँ पुस्तक शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने नव संवत्‍सर के कैलेण्डर का भी विमोचन किया। उज्जैन के गौरव दिवस पर भव्य एवं रंगारंग आतिशबाजी की गई। (एजेंसी, हि.स.)

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