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स्कूलों में शिक्षकों के मोबाइल फोन इस्तेमाल पर रोक, पकड़े गए तो होगी कार्रवाई

नई दिल्ली: सरकारी विद्यालयों (government schools) के शिक्षक (Teacher) स्कूलों में अब मोबाइल (Mobile) फोन का इस्तेमाल नहीं करेंगे. इसे लेकर राज्य सरकार (state government) ने सरकारी स्कूलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल प्रतिबंध (restrictions) लगा दिया है. यह प्रतिबंध केरल सरकार ने राज्य से सभी सरकारी स्कूलों में लगाया है. पढ़ाई (studies) के दौरान कक्षाओं (Class) में मोबाइल फोन कर इस्तेमाल कर पर कड़ी कार्रवाई (strong action) भी की जाएगी. राज्य सरकार ने कहा है कि कक्षा में शिक्षण के मानकों को बढ़ाने के तहत सेल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है. सभी जिलों के डीईओ को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है कि इन आदेशों को सख्ती से लागू किया जाए.

कक्षाओं में व्यावसायिक जरूरतों के बजाय व्यक्तिगत जरूरतों के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करके शिक्षण का समय बर्बाद हो रहा है. इसके अलावा निर्देश में बताया गया है कि यह फैसला 2003 में यूनेस्को द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है. 3 अगस्त को शिक्षा मंत्री बोत्सा सत्यनारायण द्वारा आयोजित बैठक में विशेषज्ञों की राय ली गई थी. इसमें कहा गया है कि ये निर्देश स्कूलों में प्रौद्योगिकी के उपयोग-सुशासन के संबंध में शिक्षाविदों और विशेषज्ञों की राय के आधार पर दिए गए हैं.


क्लास में नहीं ले जा सकते मोबाइल फोन
जारी निर्देश के अनुसार शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों के लिए भी मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर कुछ शर्तें रखी गई हैं. शिक्षकों को कक्षाओं में सेलफोन नहीं लेकर जाना है. इसमें कहा गया है कि शिक्षण के दौरान किसी भी हालत में फोन का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि कक्षा में छात्रों की उपस्थिति लेने के बाद उन्हें मोबाइल फोन को साइलेंट मोड में रखकर हेडमास्टर को सौंपना होगा. आदेश में स्पष्ट है कि यदि पाठ्यक्रम के संबंध में मोबाइल फोन का प्रयोग करना हो तो प्रधानाध्यापक की अनुमति पहले से लेनी होगी.

स्टूडेंट्स भी नहीं ले जा सकते मोबाइल
छात्रों को क्लास में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं है. उन्हें प्रधानाध्यापक के कक्ष में या क्लर्क के पास इसे जमा करना होगा. यदि अति आवश्यक हो तो प्रधानाध्यापक की अनुमति लेकर छात्र मोबाइल का प्रयोग कर सकते हैं. पहली बार नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित शिक्षक को दोबारा ऐसा नहीं करने के लिए प्रधानाध्यापक को लिखित स्पष्टीकरण देना होगा.

प्रधानाध्यापक होंगे जिम्मेदार
नियम का सख्ती से पालन हो रहा है या नहीं इसके लिए शिक्षा अधिकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगे. इसमें यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि कोई बाहरी व्यक्ति या छात्र नियमों के बारे में शिकायत करता है, तो संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक इसके लिए जिम्मेदार होंगे. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिए गए निर्देश के मुताबिक स्कूलों में निरीक्षण के दौरान यदि नियमों का उल्लंघन होता पाया गया तो हेडमास्टर जिम्मेदार होंगे. स्कूल शिक्षा विभाग ने कुछ दिनों तक सभी स्कूलों को इन नियमों से पूरी तरह अवगत कराने के बाद अधिकारियों को इन नियम को सख्ती से लागू करने के आदेश जारी किए हैं.

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