व्‍यापार

बिना ग्राहकों को बताए बैंक ने खातों से काटा शुल्‍क, अब भरना होगा जुर्माना

नई दिल्‍ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 3 सहकारी बैंकों पर नियमों का उल्‍लंघन करने पर जुर्माना लगाया है. जिन बैंकों पर जुर्माना लगाया गया है, उनमें जलगांव पीपुल्‍स सहकारी बैंक (Jalgaon People’s Co-operative Bank) का नाम भी शामिल है. इस बैंक पर सबसे ज्‍यादा 50 लाख रुपये जुर्माना लगाया है. आरबीआई ने 31 मार्च, 2020 तक की वित्तीय स्थिति के आधार पर महाराष्ट्र के बैंक का निरीक्षण किया था.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सहकारी बैंक ने मानदंडों के अनुसार कुछ खातों को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) के रूप में वर्गीकृत नहीं किया था. इसके अलावा बैंक ने ग्राहकों को सूचित किए बिना बचत बैंक खातों में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर शुल्‍क काटा था. जलगांव पीपुल्‍स सहकारी बैंक के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ने अंडमान और निकोबार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Andaman & Nicobar State Co-operative Bank) और हिसार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Hisar Urban Cooperative Bank Ltd) पर भी मानदंडों का पालन नहीं करने पर पेनल्‍टी लगाई है.


इनको भरनी होगी पेनल्‍टी
अंडमान निकोबार स्‍टेट को-ऑपरेटिव बैंक पर 5 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है, जबकि हिसार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. आरबीआई ने कहा कि यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है.

निदेशकों को दिया अनसिक्‍योर्ड लोन
आरबीआई ने निरीक्षण में पाया कि अंडमान और निकोबार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने अपने निदेशकों को अनसिक्योर्ड लोन स्वीकृत किया है. 22 सितंबर, 2022 को जारी एक आदेश में आरबीआई ने कहा कि अंडमान और निकोबार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने बीआर एक्‍ट 1949, की धार 56 के साथ ही धारा 20 में उल्‍लेखित प्रावधानों का उल्‍लंघन किया है. इसलिए बैंक पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

हरियाणा के बैंक पर भी लगा जुर्माना
वहीं, 23 सितंबर को दिए एक आदेश में आरबीआई ने हरियाणा के हिसार स्थित हिसार अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. आरबीआई के आदेश में कहा गया है कि हिसार अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, हिसार को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 और धारा 35ए और धारा 36(1) के उल्लंघन के लिए दंडित किया गया है.

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