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शराब के शौकीन हो जाएं सावधान, शरीर में दिखें ये लक्षण तो समझ लें लीवर में है गड़बड़ी

नई दिल्ली। लिवर(liver) पेट के ऊपर के साइड पर स्थित एक अंग होता है. जो आपकी पसलियों के अंदर होता है. लिवर, शरीर में कई तरह के काम करता है जैसे- दवाई, शराब और टॉक्सिक पदार्थों (alcohol and toxic substances) को तोड़ना, बाइल का उत्पादन करना ताकि फैट को शरीर में तोड़ा जा सके. कुछ टाइप के विटामिन्स और ग्लूकोज को स्टोर करना और ऐसे प्रोटीन (protein) का निर्माण करना जो ब्लड क्लॉटिंग के लिए जरूरी माने जाते हैं.

ऐसी बहुत सी चीजें है जो आपके लिवर को डैमेज (liver damage) कर सकती हैं. हालांकि लिवर के टिशू फिर से बन जाते हैं. लेकिन अगर लगातार आपका लिवर डैमेज होता है तो इससे स्कार टिशू बनने लगते हैं. जब स्कार टिशू बनते हैं तो ये हेल्दी लिवर टिशू को रिप्लेस कर देते हैं. ऐसा होने पर लिवर सही से काम करने में असमर्थ हो जाता है.



लिवर डैमेज होने का एक सबसे मुख्य कारण शराब का सेवन करना है. जब शराब के कारण लिवर डैमेज होता है तो इसे अल्कोहल रिलेटेड लिवर डिजीज कहा जाता है.

तो आइए जानते हैं अल्कोहल रिलेटेड लिवर डिजीज (related liver disease) के क्या अर्ली साइन होते हैं और साथ ही ये भी जानते हैं कि शराब आपके लिवर के साथ क्या करती है.

शराब से लिवर डैमेज होने के क्या है शुरुआती संकेत?
लिवर शरीर में टॉक्सिक पदार्थों को तोड़ने का काम करता है. इसमें शराब भी शामिल है. जब आप शराब का सेवन करते हैं तो लिवर में मौजूद अलग-अलग तरह के एंजाइम्स इसे तोड़ने का काम शुरू कर देते हैं ताकि इसे आपके शरीर से बाहर निकाला जा सके.

जब आप अपनी लिवर की कैपेसिटी से ज्यादा शराब का सेवन करते हैं तो इससे लिवर डैमेज होने लगता है. इससे आपके लिवर में फैट बढ़ने लगता है और समय के साथ ही इससे हेल्दी लिवर टिशू डैमेज होने लगते हैं और स्कार टिशू का निर्माण होता है.

शराब के कारण होने वाले लिवर डिजीज के शुरुआत में कोई लक्षण (Symptoms) नजर नहीं आते हैं. जिस कारण आपको इस बात का एहसास ही नहीं हो पाता कि शराब आपके लिवर को कितना डैमेज कर चुकी है.

अगर शराब के कारण लिवर डिजीज के कुछ लक्षण नजर आते हैं तो उनमें शामिल हैं-
लिवर में सूजन, जिससे आपके पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में परेशानी हो सकती है, थकान, बिना किसी वजह के वजन कम होना, भूख कम लगना, मितली या उल्टी आना.

बहुत ज्यादा शराब पीने से आपके लिवर के साथ क्या होता है?
शराब से होने वाले लिवर डिजीज के अंतर्गत तीन तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं उनके बारे में –

अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज-
अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज को हेपेटिक स्टीटोसिस भी कहा जाता है. यह तब होता है जब फैट आपके लिवर में जमना शुरू हो जाता है. बहुत अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने से फैट लिवर में टूट नहीं पाता जिसके चलते यह जमना शुरू हो जाता है.

बहुत अधिक शराब का सेवन करने वाले लोगों में अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या काफी कॉमन है. अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज के कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं. अगर इसके लक्षण नजर आते हैं तो इसमें शामिल हैं- लिवर के आसपास के हिस्से में समस्या, थकान, बिना किसी वजह के वजन कम होना.

कुछ हफ्तों तक शराब का सेवन ना करने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता हैं. हालांकि कुछ लोगों में यह समस्या कुछ हफ्तों में, तो कुछ में इसे ठीक होने के लिए ज्यादा समय भी लग सकता है.

अल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस-
अगर आप लगातार अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं तो इससे लिवर में सूजन बढ़ने लगती है. जिससे आपको अल्कोहलिक हेपेटाइटिस की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

अल्कोहलिक हेपेटाइटिस के लक्षणों में शामिल हैं लिवर के आसपास दर्द, थकान, भूख कम लगना, भुखार, मितली और उल्टी, पीलिया.

अल्कोहलिक हेपेटाइटिस माइल्ड और गंभीर हो सकता है. माइल्ड अल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस में लिवर धीरे-धीरे डैमेज होता है. वहीं, गंभीर अल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस में लिवर अचानक से डैमेज हो जाता है. अल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस होने पर अगर आप इससे छुटकारा पाना चहते हैं तो शराब का सेवन बिल्कुल बंद करना होगा. साथ ही इसके ट्रीटमेंट में आपको अपनी डाइट में भी बदलाव करने की जरूरत पड़ती है. अल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस में कई बार व्यक्ति का लिवर ट्रांसप्लांट करने की भी जरूरत पड़ती है.

अल्कोहॉलिक सिरोसिस– शराब का सेवन लगातार करते रहने से हेल्दी लिवर टिशू डैमेज होने लगते हैं और स्कार टिशू का निर्माण होता है. इसे फिब्रोसिस कहा जाता है. फिब्रोसिस बढ़ने पर अल्कोहॉलिक सिरोसिस की समस्या का सामना करना पड़ता है.

अल्कोहॉलिक सिरोसिस के लक्षण अल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस की तरह ही होते हैं. साथ ही अल्कोहॉलिक सिरोसिस के कारण कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है. जैसे- लिवर में ब्लड का प्रेशर बहुत अधिक होना, पेट में फ्लूइड का जमा होना, ब्लड टॉक्सिन लेवल बढ़ने से ब्रेन डैमेज, इंफेक्शन बढ़ने का खतरा, किडनी फेलियर और लिवर कैंसर.

शराब के कारण होने वाले लिवर डिजीज के रिस्क फैक्टर
शराब का सेवन-
लंबे समय तक शराब का अधिक मात्रा में सेवन करने से अल्कोहॉल रिलेटेड लिवर डैमेज का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.

सेक्स-
महिलाओं में अल्कोहॉल रिलेटेड लिवर डैमेज का खतरा पुरुषों की तुलना में काफी ज्यादा होता है.

मोटापा-
मोटापे से ग्रस्त लोगों में अल्कोहॉल रिलेटेड लिवर डैमेज का खतरा काफी ज्यादा होता है.

इंफेक्शन-
हेपेटाइटिस B और हेपेटाइटिस C की समस्या से जूझ रहे लोगों में लिवर डैमेज का खतरा काफी ज्यादा होता है.

किस तरह कर सकते हैं लिवर हेल्थ को इंप्रूव?
कुछ तरीकों से आप अपने लिवर की हेल्थ को इंप्रूव कर सकते हैं. शराब का सेवन ना करना इनमें से एक है. शराब का सेवन कम मात्रा में और कभी-कभी करने से लिवर डिजीज का खतरा काफी कम होता है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने बताया है कि महिलाओं और पुरुषों को कितनी मात्रा में शराब का सेवन करना चाहिए-

महिलाओं के लिए रोजाना एक ड्रिंक.
पुरुषों के लिए रोजाना 2 ड्रिंक.

इस तरीकों से भी कर सकते हैं लिवर हेल्थ को बूस्ट
हेल्दी डाइट- लिवर हेल्थ को बूस्ट करने के लिए जरूरी है कि आप फ्रेश चीजों, साबुत अनाज, प्रोटीन का सेवन करें, साथ ही हाई शुगर, अनहेल्दी फैट, और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन सीमित मात्रा में करें.

एक्सरसाइज-
रोजाना एक्सरसाइज करने से शरीर का एक्सट्रा फैट कम होता है, इससे लिवर का फैट भी कम होता है.

वजन करें मैनेज-
मोटापे के कारण अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे में जरूरी है कि आप अपने वजन को मेनटेन रखें.

रेगुलर हेल्थ चेकअप-
रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाने से आपको किसी भी बीमारी का समय से पहले ही पता लग सकता है. अगर आपको अल्कोहॉल रिलेटेड लिवर डिजीज के शुरुआती लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं.

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