नई दिल्ली. हिंदू पंचांग (Hindu calendar) के अनुसार 30 अप्रैल, शनिवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या है और इसी दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लग रहा है. शनिवार के दिन जब अमावस्या पड़ती है तो उसे शनिचरी अमावस्या कहते हैं. शनिचरी अमावस्या (shanichari new moon) का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है. इस दिन स्नान किया जाता है. दान किया जाता है, पितरों के लिए तर्पण किया जाता है.
सूर्य ग्रहण और शनिचरी अमावस्या एक ही दिन
साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण, शनिचरी अमावस्या के दिन लगना महत्वपूर्ण घटना है. हालांकि यह सूर्य ग्रहण आंशिक होगा और यह भारत (India) में दिखाई नहीं देगा. इसके चलते इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. लिहाजा शनिचरी अमावस्या के दिन किए जाने वाले स्नान-दान, पूजन-तर्पण में कोई बाधा नहीं आएगी. लेकिन सूर्य ग्रहण और शनिचरी अमावस्या का एक ही दिन होना कुछ लोगों की जिंदगी पर बड़ा असर डालेगा. शनिवार शनि देव (Shani Dev) को समर्पित है, इसलिए इस दिन शनि की विशेष पूजा-उपासना भी की जाती है.
बहुत संभलकर रहें इन राशियों के लोग
मेष–
सूर्य ग्रहण का असर मेष राशि वालों पर ठीक नहीं माना जा सकता है. लिहाजा इन लोगों को इस दिन बहुत संभलकर रहना चाहिए. बेहतर होगा कि यात्रा करने से भी बचें. ग्रहण के बाद स्नान-दान करें.
कर्क-
कर्क राशि वालों को यह सूर्य ग्रहण मानसिक तनाव दे सकता है. बेहतर होगा कि इस दौरान ना तो कोई बड़ा फैसला लें और ना ही किसी से विवाद करें. अपनी सोच का सकारात्मक रखने की कोशिश करें.
वृश्चिक-
वृश्चिक राशि वाले जातकों के लिए भी यह सूर्य ग्रहण ठीक नहीं है. धैर्य से यह समय निकालें. इस दौरान यात्रा न करें वरना चोट-चपेट का शिकार हो सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसकी पुष्टि नहीं करते है.)
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