बैतूल। जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर आमला नगर (Amla Nagar) में एक साथ हुई चार मौतों से शहर का माहौल भी गमगीन हो गया। रविवार को स्थानीय मोक्षधाम (local mokshadham) पर मृतक बरखा सोनी, लोकेश उर्फ बंटी सोनी और लक्की पाल सहित इनको गोली मारकर मौत के घाट उतारने वाले भानू ठाकुर की भी अंत्येष्ठी हुई। तीनों की अंत्येष्टी आमला के स्थानीय मोक्षधाम (local mokshadham) में की गई। वहीं आरोपी की अंत्येष्टि बोडखी स्थिति गाडरपुल के पास की गई। आमला में तीनों को गमगीन माहौल में नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। अंत्येष्टि में बड़ी संख्या में व्यापारी, जनप्रतिनिधि, पत्रकारगण भी शामिल हुए।
वहीं मृतक भानु ठाकुर की अंत्येष्ठी उपनगरी बोडख़ी के गाडर पुल के पास की गई। वहीं पोस्ट मार्टम में चारो की मृत्यु एक एक गोली लगने से होना पाया गया है। इधर पिस्टल को लेकर पुलिस की मुश्किलें बढ़ती जा रही है क्योंकि प्रारंभिक जांच में राकेश हारोड़े के पास से पिस्टल लेना नहीं दिख रहा है। रविवार को एसडीओपी नम्रता सोंधिया ने बताया कि भानू ने राकेश हारोड़े का नाम लिया था। राकेश से पूछताछ की जा रही है। लेकिन प्रारंभिक जांच में राकेश के पास से पिस्टल लेना नहीं मालूम पड़ रहा है। पुलिस जांच कर रही है कि आखिर भानू ने पिस्टल कहां से ली है? वहीं मृतक भानू ठाकुर का सोशल मीडिया पर दूसरा वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें उसने पुलिस से रिक्वेस्ट की है कि किसी को भी इतनी आसानी से ये हथियार न मिले यह व्यवस्था होनी चाहिए।
एसपी कार्यालय जाने की दी थी धमकी
आरोपी भानू ठाकुर द्वारा वायरल किये गए वीडियो में भानू ने कहा था कि बरखा मेरे भाई को धमकी दे रही थी कि एसपी ऑफि स जाकर शिकायत करेगी। मेरे मेटर में किसी ने भी सच्चाई जानने का प्रयास नहीं किया और मेरे परिवार ने मुझसे दूरी बना ली। एक झूठ के कारण मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई।
अपराधियों पर हो सख्त कार्यवाही-विधायक
क्षेत्रीय विधायक डॉ योगेश पण्डाग्रे रविवार को पीडि़त परिवार के घर पहुंचे और उन्हें सांत्वना दी। वहीं पुलिस अधिक्षक सिमाला प्रसाद से भेंट की और अपराधियों पर सख्त कार्यवाही करने को कहा। विधायक डॉ योगेश पण्डाग्रे ने बताया कि यह घटना काफ ी दुखद है। हथियार कहां से आ रहे है? इसके लिए एसपी और आमला टीआई से कहा गया है कि सख्त कार्यवाही करें। अपराधियों पर कार्यवाही करें जिससे ऐसी घटना दोबारा न हो पाए।
भानू के सिर पर था खून सवार तीन ने छिपकर बचाई जान
भानू के सिर पर खून सवार था। उसने एक-एक तीन लोगों की जान ले ली। इस दौरान यदि घर के तीन छिपते नहीं तो निश्चित रूपसे भानू ठाकुर उन्हें भी गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार देता। इस खूनी खेल में बरखा के परिवार के तीन सदस्य बरखा की बुजुर्ग नानी, मां आंगनवाड़ी सहायिका अनिता सोनी और एक रिश्ते की बहन भी घर में मौजूद थे जो कि घर में छिप गए थे इसलिए यह बच गए। भानू ठाकुर ने मां अनिता पर फायर किया लेकिन अनिता ने दरवाजे को बंद कर लिया जिसके कारण उसकी जान बच गई। बाकी के 2 सदस्य भी घर में गोली की आवाज के कारण छिप गए, जिसके कारण उनकी जान बच गई।