भोपाल। प्रदेश को भिलाई, राउरकेला (Bhilai, Rourkela) और देवरी (Deori) से लगभग 450 मीट्रिक टन ऑक्सीजन (Metric ton oxygen) की आपूर्ति होगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने भारत सरकार (Indian government) के मंत्रियों से लगातार संपर्क किया था। इसके बाद ऑक्सीजन (Oxygen) आपूर्ति सुलभ हो सकी है। अब ऑक्सीजन (Oxygen) के परिवहन के लिए युद्ध स्तर पर व्यवस्थाएँ की जा रही हैं, जिसमें निजी क्षेत्र का सहयोग भी लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedicivir Injection) के लिए लगातार प्रयास जारी हैं। निजी अस्पताल (Hospital) अपने स्त्रोतों से इंजेक्शन (Injection) मंगवा रहे हैं। राज्य शासन द्वारा 50 हजार इंजेक्शनों (Injections) का आर्डर दिया जा चुका है। प्रदेश में लगातार बिस्तरों की संख्या बढ़ रही है। भोपाल एम्स (Bhopal AIIMS) में मल्टीकेयर हॉस्पिटल (Multicare Hospital) के रूप में व्यवस्था की जा रही है। इसे कोविड (Covid) के लिए चिन्हित कर यहाँ उपलब्ध बिस्तर तथा आगामी दिनों में खाली होने वाले बिस्तर कोविड (Covid) के लिए रखे जाएंगे। इसके साथ ही प्रशासन अकादमी में नर्मदा अस्पताल के सहयोग से 150 बिस्तर का कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) विकसित किया जा रहा है। रेडक्रास हॉस्पिटल भोपाल (Red Cross Hospital Bhopal) में भी कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) बनाया जा रहा है। इंदौर में राधा स्वामी सत्संग न्यास (Radha Swami Satsang Trust) के सहयोग से 500 बिस्तर का कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) बनाया जा रहा है। शीघ्र ही यहाँ 2 हजार बिस्तरों की व्यवस्था होगी। जबलपुर (Jabalpur), ग्वालियर (Gwalior) और अन्य शहरों में भी निजी क्षेत्र के सहयोग से बिस्तरों के बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री चौहान (Chief Minister Chauhan) ने कहा कि 49 जिलों में कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) बनाये जा चुके हैं।
संक्रमण की चेन तोडऩा जरूरी
चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण का सामना करने के लिए सभी दिशाओं में युद्ध स्तर पर कार्रवाई जारी है। संक्रमण की चेन तोडऩा जरूरी है। इसके लिए जिलों में आपदा प्रबंधन समूह कोरोना कफ्र्यू लगाने का निर्णय ले रहे हैं। जनता अपनी मर्जी से संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए आगे आ रही है, यह जागरूकता का परिणाम है। चौहान ने जन-सामान्य से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें। किसान भाई एसएमएस प्राप्त होने पर ही उपज के उपार्जन के लिए जाएं। हम आत्मानुशासन, स्वयं के संकल्प, दृढ़ इच्छा, संयम, धैर्य और उत्साह से इस युद्ध में विजय प्राप्त करेंगे।