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प्रशासन की बड़ी राहत, अब स्कूलों में छात्र-छात्राओं को मध्यांतर भोजन की जगह मिलेगा गेहूं-चावल

भोपालः कोरोना महामारी (Corona epidemic) के चलते स्कूल बंद हैं। ऐसे में छात्र-छात्राओं को मिड डे मील योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में प्रशासन ने जिले में स्कूलों के छात्र-छात्राओं को गेहूं-चावल देने का फैसला किया है। हालांकि आदेश के मुताबिक ग्रामीण और शहरी इलाकों में गेहूं-चावल के वितरण के लिए अलग-अलग मापदंड तय किए गए हैं।

इस आधार पर होगा गेहूं-चावल का वितरण
आदेश के मुताबिक ग्रामीण प्राथमिक विद्यालय (Rural primary school) के छात्रों को 6 किलो गेहूं और एक किलो चावल दिया जाएगा। वहीं ग्रामीण माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को 9 किलो गेहूं और 2 किलो चावल वितरित किया जाएगा।

वहीं शहरी प्राथमिक विद्यालय (Urban primary school) के छात्रों को 4 किलो गेहूं और 3 किलो चावल और शहरी माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को 6 किलो गेहूं और 5 किलो चावल दिए जाएंगे। गौरतलब है कि यह दिसम्बर से फरवरी महीने का अनाज छात्र-छात्राओं को दिया जाएगा। जिला पंचायत विभाग (District Panchayat Department) ने इस बाबत आदेश भी जारी कर दिया है।



बता दें कि कोरोना के चलते मिड डे मील बंद होने से बच्चों को मिलने वाले पोषण पर असर पड़ रहा है। ऐसे में सरकार ने मिड डे मील की जगह छात्रों को कहीं गेहूं-चावल देने का फैसला किया है। इसी के तहत भोपाल जिला प्रशासन ने उक्त फैसला लिया है। इसी तरह बीते दिनों धार जिला प्रशासन (District administration) ने स्कूलों में बच्चों को तूर दाल और सोयाबीन तेल दिया था। इसी तरह राजस्थान समेत कई अन्य राज्यों में छात्रों को मिड डे मील की जगह राशन देने की व्यवस्था की गई है।

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