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बिहारः 6 साल बाद सक्रिय हुआ तेज प्रताप यादव का संगठन, निशाने पर पं. धीरेन्द्र शास्त्री

पटना (Patna)। बिहार (Bihar) के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister) और राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President of Rashtriya Janata Dal) लालू प्रसाद (Lalu Prasad) का ‘तेल पिलावन, लाठी घुमावन’ फिर चर्चा में आ रहा है। बिहार में डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda) भी चर्चा में आ गया है। वजह हैं लालू के बड़े लाल और राज्य के वन-पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव (Forest-Environment Minister Tej Pratap Yadav)। बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) के पटना में होने वाले कार्यक्रम के विरोध में तेज प्रताप ने छह साल पुराना अपना संगठन DSS फिर एक्टिव किया है। इस संगठन के सदस्यों ने RSS के स्वयंसेवकों जैसी वेशभूषा के साथ सड़कों पर भी निकलना शुरू कर दिया है। धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ (DSS) का प्रशिक्षण शिविर खुद तेज प्रताप अपनी देखरेख में चला रहे और इसकी तस्वीरें भी शेयर कर रहे।

पिछली बार सत्ता में थे, तभी का संगठन
तेज प्रताप यादव ने धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ (DSS) नाम के साथ फरवरी 2017 में एक संगठन की घोषणा की थी। तब तेज प्रताप बिहार की तत्कालीन महागठबंधन-1 सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। छोटे भाई तेजस्वी यादव तब पहली बार उप मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे। तेज प्रताप ने मंत्री रहते यह संगठन बनाया ही नहीं, बल्कि सड़कों पर भी नेतृत्व करते नजर आए थे। तब तेज प्रताप का दावा था कि उनके संगठन DSS के डर से अप्रैल 2017 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बिहार आते-आते रास्ता बदल लिया था। यह संगठन महागठबंधन-1 सरकार के सत्ता से हटने के बाद भी कुछ समय तक एक्टिव रहा, लेकिन 2018 के बाद इसकी सक्रियता शून्य हो गई।


 

फिर कुर्सी पर तेज, निशाने पर धीरेंद्र शास्त्री
सत्ता में रहते यह संगठन जब बनाया गया था, तब भी सवाल उठा था कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को इसकी जरूरत क्यों पड़ी? तब यह भी बात कही गई थी कि राजद के अंदर अपने अस्तित्व को लेकर परेशान तेज प्रताप ने अलग तरह से खुद को स्थापित करने के लिए यह बनाया है। राजद के बैनर का इस्तेमाल नहीं करते हुए तेज प्रताप अपनी राह चल रहे थे। इस बार फिर वही राह है। इस बार भी वह कुर्सी पर हैं। तेज प्रताप यादव ने उस समय डीएसएस को सक्रिय किया है, जब पटना में बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कार्यक्रम 13 से 17 मई तक प्रस्तावित है। पहले यह कार्यक्रम पटना के गांधी मैदान में होने वाला था, लेकिन सरकार से अनुमति नहीं मिलने के कारण अब ग्रामीण क्षेत्र नौबतपुर में होगा। तेज प्रताप अपने संगठन के जरिए धीरेंद्र शास्त्री को सीधी चुनौती दे रहे- “धर्म को टुकड़ों में बांटने वालों को करारा जवाब मिलेगा। तैयारी पूरी है।”

भूले-बिसरे कई शब्द फिर चर्चा में
खुद को धर्मनिरपेक्ष बताने वाले लोग सोशल मीडिया पर तेज प्रताप के इस संगठन को नया प्रयोग भी बता रहे हैं और इसके लिए अच्छी बातें भी लिख रहे हैं। खुद को मीडिया से जुड़ा बताने वाले लोग भी इसमें शामिल हैं। तेज प्रताप के समर्थक इस संगठन को लेकर उत्साह दिखाने में आगे हुए तो कई लोग इसपर ट्राेल करने में भी लग गए हैं। सोशल मीडिया पर इस संगठन को डेरा सच्चा सौदा (DSS) का अवतार भी कहा जा रहा है और लाठी-तेल जैसे शब्दों के साथ भी इसे ट्रोल किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि लालू के लाल तेल पिलावन लाठी घुमावन की वैकेंसी निकाल रहे हैं।

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