विदेश

पाकिस्तान में विधेयक पास, अब सभी चुनाव एक साथ

इस्‍लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Prime Minister Shahbaz Sharif) एक तीर से तीन शिकार किए हैं। शिकार यह कि पाकिस्‍तान संसद के एक संयुक्त सत्र में एक प्रस्ताव पारित (pass motion) कर चुनावी प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है। इसमें संघीय और प्रांतीय चुनाव (federal and provincial elections) एक ही दिन कराने की मांग संबंधी प्रस्ताव सोमवार को पारित कर दिया यह प्रस्ताव तब लाया गया जब उच्चतम न्यायालय ने पिछले सप्ताह पंजाब प्रांत में 14 मई को चुनाव कराने का आदेश दिया था।

पाकिस्तान के मशहूर अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, दो समान प्रस्तावों को संसदीय मामलों के संघीय मंत्री मुर्तजा जावेद अब्बासी और सीनेटर कामरान मुर्तजा ने राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देने और प्रांतों के बीच एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पेश किया था।
प्रस्ताव में दलील दी गयी थी कि अलग-अलग चुनाव कराने से प्रांत में आम चुनाव के नतीजों पर असर पड़ेगा। पंजाब में 14 मई को चुनाव कराए जाने थे लेकिन खैबर पख्तूनख्वा में चुनाव की तारीख पर अभी तक फैसला नहीं लिया गया था।

संसद में प्रस्ताव पास कराने के दौरान मुख्य विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसदों ने “चुनाव कराओ और देश बचाओ” का नारा लगाते हुए सदन से वॉकआउट किया।

कुछ दिनों पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब प्रांत में चुनाव स्थगित करने के पाकिस्तान चुनाव आयोग के फैसले को “असंवैधानिक” घोषित कर दिया था। इसे सरकार के लिए झटका माना जा रहा था जो सुरक्षा मुद्दों और आर्थिक संकट का हवाला देते हुए प्रांतीय चुनाव में देरी करने की कोशिश कर रही थी।

ऐसा कर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एक तीर से तीन शिकार किए हैं। शरीफ ने सुप्रीम कोर्ट और पूर्व पीएम इमरान खान की बोलती बंद कर दी है और चुनावी नजरिए से विपक्ष को बड़ी शिकस्त दी है। आर्थिक मोर्चे पर संकट झेल रहे पाकिस्तान ने IMF को भी बड़ा संदेश दिया है।

विधेयक लौटाने पर शहबाज शरीफ का पारा चढ़ा
दिवित हो कि आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी के सुप्रीम कोर्ट (प्रैक्टिस एंड प्रोसीजर) बिल, 2023 को लौटाने पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का पारा चढ़ गया है। शरीफ ने अल्वी की कड़ी आलोचना की है। प्रधानमंत्री ने मुल्क के राष्ट्रपति को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का कार्यकर्ता बताया है।

इस बिल का उद्देश्य प्रधान न्यायाधीश की शक्तियों को कम करना है। पीटीआई ने इस विधेयक कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि यह न्यायपालिका पर हमला है। राष्ट्रपति के विधेयक को लौटाए जाने के बाद प्रधानमंत्री शरीफ ने ट्वीट में कहा, संसद से पारित विधेयक को लौटाना दुर्भाग्यपूर्ण है। अल्वी ने अपने आचरण से राष्ट्रपति कार्यालय को नीचा दिखाया है, क्योंकि वह संविधान और अपने कार्यालय से अधिक पीटीआई प्रमुख के आदेश का पालन करते हैं।

Share:

Next Post

बांक में सीतलामाता मंदिर को लेकर विवाद, रहवासियों और हिंदूवादियों ने आधी रात तक घेरा थाना

Tue Apr 11 , 2023
असामाजिक तत्वों के खिलाफ एफआईआर करवाकर ही वापस लौटे संगठन के कार्यकर्ता इंदौर। धार रोड (Dhar Road) स्थित बांक में सीतलामाता मंदिर (Sita Mata Mandir) को लेकर हुए विवाद के बाद दो पक्षों के बीच तनातनी हो गई। आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर हिंदूवादियों ने थाना घेर दिया। आधी रात तक थाने पर […]