कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सारे आरोपों से इनकार किया है। दावा किया जा रहा था कि तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने ही नड्डा की सभा पर पथराव किया है। इसका वीडियो भी सामने आया है। लेकिन हमले के बाद गांधी मूर्ति के पास किसानों के समर्थन में हो रहे धरने को संबोधित करते हुए ममता ने दावा किया कि भाजपा की सभा में लोग नहीं मिलते इसलिए हमला करवाकर सहानुभूति बटोरने के लिए नाटक कर रहे हैं।
किसानों के समर्थन में आयोजित धरना में अपने 26 दिनों के अनशन को याद करते हुए ममता ने कहा कि अपनी जान दांव पर लगाकर मैंने किसानों के लिए लड़ाई लड़ी थी और इस बार भी लड़ेंगे, पीछे नहीं हटेंगे। चक्रवात राहत राशि में भ्रष्टाचार संबंधी नड्डा के आरोपों का जवाब देते हुए ममता ने कहा कि मुझसे कोई हिसाब मांगने की हिम्मत ना करे। केंद्र सरकार राज्य से जीएसटी ले जाती है। पहले वह जीएसटी हमें लौटाया जाए। नड्डा के काफिले पर हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां कुछ भी नहीं हुआ है। मुझे पता ही नहीं है कि कहां क्या हुआ है। मैंने पुलिस को कहा है जांच करें।
ममता ने कहा कि मैं जितनी बार दिल्ली जाती हूं भाजपा के लोग मेरी गाड़ी को घेर लेते हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि वह तृणमूल से भी ज्यादा सम्मान विपक्ष के नेताओं का करती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय नेताओं के दौरे की जानकारी राज्य सरकार को नहीं दी जाती है और जब सुरक्षा में कोई चूक होती है तो राज्य पर दोष मढ़ा जाता है।
नड्डा का नाम लिए बगैर उन्होंने सवाल पूछा। ममता ने कहा कि आप लोग तो दिल्ली से केंद्रीय सुरक्षा लेकर आते हैं फिर आपकी गाड़ी पर हमला कैसे हुआ? काफिले पर सवाल खड़ा करते हुए ममता ने कहा कि एक नेता के पीछे 50 गाड़ियां क्यों चलेंगी? उन्होंने कहा कि जिस दिन सभा में लोग नहीं आते उस दिन भाजपा वाले नाटक करते हैं ताकि राष्ट्रीय मीडिया में छा जाएं।
भाजपा को दिल्ली की पार्टी करार देते हुए ममता ने कहा कि लोगों को यह बात याद रखना चाहिए कि वे हमारे राज्य की पार्टी नहीं हैं बल्कि दिल्ली के हैं। ममता ने दावा किया कि उनकी सरकार ने किसानों के लिए सबसे अधिक काम किया है। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी तीन गुनी हो गई है जबकि केंद्र महज दोगुनी आमदनी करने के लिए कोशिश कर रहा है। (एजेंसी, हि.स.)
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