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UP: सपा को झटका, सधी रणनीति से BJP ने पलटी बाजी, राम मंदिर निर्माण से बने माहौल को भुनाया

लखनऊ (Lucknow)। राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha elections) में योगी सरकार (Yogi government) और भाजपा (BJP) ने सधी हुई रणनीति और सटीक चालों से आठवीं सीट पर बाजी पलट दी। करीब 10 दिन की मशक्कत के बाद भाजपा ने न केवल राज्यसभा में एक सीट बढ़ाने में सफलता प्राप्त की, बल्कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले सपा को झटका देकर राम मंदिर निर्माण (Ram temple construction) से बने माहौल को हवा देने का काम किया है। विपक्षी दलों के विधायकों की क्रास वोटिंग (Cross voting) के पीछे अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से बने माहौल का प्रभाव भी माना जा रहा है। क्रॉस वोट करने वाले कई विधायकों ने मतदान के बाद ही अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल को श्रीराम से जोड़ते हुए अपडेट किया।


राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने जातीय समीकरण साधने के लिए चार पिछड़े, एक वैश्य, एक ब्राह्मण, एक ठाकुर और एक खत्री को मैदान में उतारा। शुरुआत में वोटों के गणित के लिहाज से भाजपा ने सात और सपा ने तीन प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। बाद में केंद्रीय नेतृत्व ने सीएम योगी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से रायशुमारी करने के बाद संजय को आठवें प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारकर बड़ा रिस्क उठाया। भाजपा को अपने आठवें प्रत्याशी को जिताने के लिए सपा के तीसरे प्रत्याशी की जीत से अधिक अतिरिक्त वोटों की जरूरत थी। लेकिन सरकार और संगठन ने आपसी समन्वय से सपा में सेंध लगाने की ऐसी रणनीति बनाई कि विपक्षी एकता धराशाई हो गई।

रणनीति के हिसाब से सीएम योगी ने सहयोगी दलों के विधायकों के साथ विपक्षी दलों के विधायकों से मुलाकात कर उनका मत हासिल किया। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने जनसत्ता दल लोकतांत्रिक, बसपा का वोट हासिल करने के लिए संभव प्रयास किया। सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाली। भाजपा ने पार्टी के सभी आठ प्रत्याशियों को 38-38 वोट दिलाए, जबकि संजय सेठ को पार्टी के 22 विधायकों ने प्रथम वरीयता और 14 विधायकों ने द्वितीय वरीयता का वोट दिया। सपा के सात और बसपा के एक विधायक का वोट भी संजय सेठ को मिला।

विधायकों को मिलेगा रिटर्न गिफ्ट
आठवीं सीट पर भाजपा की हारी हुई बाजी को जीत में तब्दील करने वाले सपा के सात विधायकों को आगामी दिनों में रिटर्न गिफ्ट मिलना तय है। किसी को लोकसभा चुनाव का टिकट मिल सकता है तो किसी को पद दिए जाने की चर्चा है। पार्टी ने सपा के जिन विधायकों का समर्थन हासिल कर आठवीं सीट जीती है, उन्हें न केवल राजनीतिक भविष्य सुरक्षित रखने का वादा किया है, बल्कि सत्ता और संगठन का पूर्ण संरक्षण का भी भरोसा दिया है। सपा विधायकों की सुरक्षा बढ़ाने के साथ हर संभव मदद का भरोसा भी दिया गया है। माना जा रहा है कि पूजा पाल की सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है। राकेश प्रताप सिंह को अगले विधानसभा चुनाव में गौरीगंज से भाजपा का टिकट मिल सकता है। राकेश पांडेय के बेटे रितेश पांडेय पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं। रितेश को लोकसभा का और राकेश को अगले विधानसभा चुनाव में टिकट मिल सकता है। मनोज पांडेय को डिप्टी स्पीकर का पद या रायबरेली से लोकसभा का टिकट दिए जाने की चर्चा है। किसी एक को विधानसभा की प्रमुख समिति की कमान दी जा सकती है।

अमेठी-रायबरेली को लेकर स्मृति की रणनीति भी चर्चा में
केंद्रीय मंत्री एवं अमेठी की सांसद स्मृति जूबिन ईरानी ने सपा के पाले में सेंध लगाने में बड़ी भूमिका निभाई। सूत्रों के मुताबिक स्मृति के प्रयास से ही पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की विधायक पत्नी महराजी प्रजापति ने मतदान नहीं किया। सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय और राकेश प्रताप सिंह को तोड़ने में भी स्मृति की बड़ी भूमिका की चर्चा है। सपा के पूर्व मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने कहा भी यदि उन्हें समाजवादी पार्टी में भी सम्मान मिलता तो मैं ये कदम न उठाता।

सेठ के पड़ोसी राजा भैया ने निभाई दोस्ती
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने भाजपा के आठवें प्रत्याशी संजय सेठ को राज्यसभा भेजने में दोस्ती निभाई। राजा भैया और संजय सेठ कैंट में पड़ोसी भी हैं। सूत्रों के मुताबिक राजा भैया ने न केवल खुद की पार्टी का समर्थन भाजपा को दिया, बल्कि अभय सिंह, पूजा पाल सहित सपा के अन्य विधायकों को भी भाजपा के पाले में लाने में मदद की।

मतदान से पहले सीएम के स्तर से मिला भरोसा
सपा के विधायक राकेश प्रताप सिंह, राकेश पांडेय और अभय सिंह तीनों एक ही गाड़ी से मतदान करने विधानभवन पहुंचे। तीनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी सहित अन्य नेताओं से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक सरकार और संगठन से वादा पूरा करने का पक्का भरोसा मिलने के बाद तीनों मतदान करने पहुंचे। उधर, मनोज पांडेय अपने साथ आशुतोष वर्मा, विनोद चतुर्वेदी को लेकर पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक सभी ने संजय सेठ को ही मतदान किया।

एंबुलेंस से मतदान करने पहुंचे विधायक
राज्यसभा चुनाव में एक-एक वोट की कीमत समझते हुए भाजपा ने अपने कोरोना संक्रमित विधायक नीलरतन पटेल का भी मतदान सुनिश्चित कराया। नीलरतन राजधानी के सिविल अस्पताल में भर्ती हैं। वह एम्बुलेंस से मतदान करने पहुंचे।

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