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राजस्थान में बिना सीएम फेस के चुनाव लड़ेगी भाजपा, वसुंधरा राजे को चुनाव प्रचार समिति में मिलेगी अहम जिम्मेदारी

नई दिल्‍ली (New Delhi) । भाजपा (BJP) राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan assembly elections) में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Former Chief Minister Vasundhara Raje) को चेहरा नहीं बनाएगी। हालांकि, बतौर वरिष्ठ नेता उन्हें टिकट वितरण और चुनावी रणनीति तय करने में अहमियत दी जाएगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह ने वसुंधरा के समक्ष साफ कर दिया है कि विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा और पार्टी का चेहरा सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे।

शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जयपुर में बुधवार देर शाम से बृहस्पतिवार तड़के तक राज्य कोर ग्रुप के नेताओं के साथ बैठक की थी। इससे पहले शाह और वसुंधरा की अलग से 20 मिनट की मुलाकात हुई। इसी बैठक में शाह ने उन्हें इस बात से अवगत कराया कि पार्टी ने सभी चुनावी राज्यों में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। शाह ने यह आश्वासन भी दिया कि मेरिट के आधार पर वसुंधरा समर्थकों को टिकट मिलने में कोई अड़चन नहीं आएगी।

चुनाव प्रचार समिति में अहम जिम्मेदारी के संकेत
पार्टी ने राज्य में अब तक दो अहम समितियों चुनाव प्रबंध समिति और संकल्प पत्र समिति का गठन किया है। इन दोनों समितियों में न तो वसुंधरा को जगह मिली है और न ही केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अभी तक लंबित चुनाव प्रचार समिति में इन दोनों नेताओं की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी।


तीन घंटे चली बैठक में दो राउंड में बनी रणनीति
करीब तीन घंटे चली बैठक में पूनिया और सांसद राज्यवर्धन राठौड़ पहले दौर के बाद कार्यक्रम स्थल से निकलने वाले पहले व्यक्ति थे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि नड्डा और शाह ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, नितिन पटेल, अरुण सिंह, कुलदीप विश्नोई और विजय रहाटकर समेत अन्य लोगों के साथ अगले दौर की बैठक की। बैठक में स्पष्ट संदेश दिया गया कि पार्टी संगठन सर्वोच्च है और चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। कुछ नेताओं ने कहा कि बैठक में टिकट वितरण और अन्य चुनाव संबंधी मुद्दों पर भी चर्चा की गई।

अधिकतम सीटें जीतने पर हुआ मंथन
सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान मेवाड़, वागड़, शेखावाटी, हाड़ौती और मारवाड़ क्षेत्रों व पूर्वी राजस्थान में अधिकतम सीटें जीतने के तरीकों पर विचार-मंथन हुआ। इसमें विधानसभा के साथ साथ लोकसभा के लिए भी रणनीति बनी।

मप्र का फॉर्मूला ही आजमाएगी पार्टी
भाजपा मध्य प्रदेश का फॉर्मूला राजस्थान विधानसभा चुनाव में भी आजमाएगी। पार्टी वहां केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतार सकती है। पार्टी सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेश नेतृत्व के साथ विधानसभा चुनावों को लेकर कई मुद्दों पर रात भर मंथन किया। बैठक बुधवार देर शाम एक होटल में शुरू हुई और देर रात दो बजे तक चली।

राजस्थान भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को विधानसभा चुनाव में उतारा जा सकता है। हालांकि, होटल से बाहर आए पार्टी नेताओं ने बैठक की जानकारी साझा करने से परहेज किया। चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया ने कहा, पार्टी के अधिकृत व्यक्ति बैठक का विवरण मीडिया से साझा करेंगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि बैठक के बाद शाह और नड्डा बृहस्पतिवार को दिल्ली लौट गए। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेताओं के साथ तय बैठक नहीं हुई। हालांकि, ऐसी अटकलें हैं कि आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक प्रकाश चंद को आगामी विधानसभा चुनाव में कुछ जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं। भाजपा ने इससे पहले मध्य प्रदेश में जारी दो सूचियों में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा है।

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