भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

राम के सहारे भाजपा, कांग्रेस की नदी बचाओ यात्रा

  • विधानसभा उपचुनाव: दोनों पार्टियों ने संभाला मैदानी मोर्चा

भोपाल। मध्य प्रदेश में उपचुनाव को लेकर दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस मैदान में उतर आए हैं। कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने नदी संरक्षण और अवैध उत्खनन को लेकर ग्वालियर चंबल इलाके में यात्रा निकलने का एलान कर दिया है तो भाजपा विधानसभा उपचुनाव में राम के नाम का भी उपयोग करती दिखाई दे रही है। मुरैना में रविवार को जीवाजीगंज में श्रीरामजानकी मंदिर पर एक शिला का पूजन किया गया। भाजपा से चुनाव की तैयारी में पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंषाना इसे सिर पर रखकर मंच तक लाए। यहां केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष योगेशपाल गुप्ता व महापौर अशोक अर्गल की मौजूदगी में इसका पूजन किया गया। अब यह शिला एक सुसज्जित वाहन में पूरे मुरैना विधानसभा क्षेत्र में घुमाई जाएगी। 10 दिन बाद यह शिला अयोध्या भिजवा दी जाएगी।

सरकार में थे तब कुछ करते
वही कांग्रेस के पूर्व मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह की नदी बचाओ यात्रा पर तंज कसते हुए केंद्रीय कृषि और पंचायत मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार में थे तब कुछ करते, अब यात्रा से क्या होगा। यहां भाजपा की विधानसभा चुनाव को लेकर आयोजित बैठकों में भाग लेने आए तोमर ने कहा- कांग्रेस सरकार में थी और डॉ. गोविंद सिंह मंत्री, तब कुछ करते। अब यात्रा से क्या होगा।

नदियों के संरक्षण के लिए गोविंद सिंह करेंगे 175 किमी की पदयात्रा
पूर्व मंत्री डॉ.गोविंद सिंह स्थानीय नदियों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए 4 सिंतबर को अपने विधानसभा क्षेत्र लहार से पदयात्रा शुरू करेंगे। पदयात्रा लगभग 175 किमी की होगी और सात दिन में पूरी होगी। पदयात्रा का समापन दतिया जिले की सेवढ़ा में 11 सितंबर को सनकुआं पर जाकर समाप्त होगी। पदयात्रा के समापन समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह व एकता परिषद के पीवी राजगोपाल उपस्थित रहेंगे। पदयात्रा पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह की मौजूदगी में शुरू होगी। पदयात्रा में 500 से अधिक लोग शिरकत करेंगे। उल्लेखनीय है कि विधानसभा उचुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नर्मदा की परिक्रमा की थी। रविवार को पदयात्रा की जानकारी देते हुए डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि यह कार्यक्रम गैर राजनीतिक है। उन्होंने कहा कि सिंध नदी में 12 महीने पानी रहता था। अब सूख जाती है, क्योंकि इन नदियों से रेत का उत्खनन बड़े पैमाने पर हुआ है। इन नदियों के सूखने के कारण ही भू जलस्तर लगातार गिर रहा है। पहले 100 फीट से कम पर पानी मिल जाता है। अब 150 फीट से अधिक पानी के लिए पाइप डालने पड़ते हैं। कुएं भी सूख जाते हैं। पदयात्रा में राजेंद्र सिंह के साथ मोहन सिंह भी शामिल होंगे। पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने बताया कि देश के जलपुरुष राजेंद्र सिंह से भी नदियों के सूखने पर मार्गदर्शन लिया। राजेंद्र सिंह जन सहयोग से राजस्थान में 5 नदियों को पुर्नजीवित कर दिया है। इन नदियों में पानी होने के कारण आंतरिक जलस्तर बढ़ा है। इन नदियों के आसपास बिना पानी के फूलों की खेती हो रही है। हमारी नदियों का सूखने का कारण रेत का उत्खनन हैं। बारिश में रोक के बाद भी पनडुब्बियों से रेत का उत्खनन हो रहा है। एक से डेढ़ हजार ट्रॉली प्रतिदिन चंबल व सिंध से रेत निकली जाती है। नदी में रेत पानी को सोखती है। रेत निकल जाने से भू-जलस्तर गिर रहा है।

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