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MP में बीजेपी की नई रणनीति ने हारी सीटों पर पलट दिया गेम, ‘100 Days’ फॉर्मूला रहा हिट

भोपाल (Bhopal) । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बीजेपी (BJP) को प्रचंड बहुमत मिला है. कांग्रेस (Congress) को पटखनी देकर बीजेपी सूबे में 163 सीटों पर काबिज हो गई है. जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ 66 सीटें ही आई हैं. इस बड़ी जीत के पीछे बीजेपी का माइक्रो मैनेजमेंट (micro management) है. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने करीब 100 दिन पहले यानी 17 अगस्त को अपने कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट जारी की थी. पार्टी ने इतनी जल्दी नामों का ऐलान कर सभी को चौंका दिया था. हालांकि ये कदम रणनीति के तहत उठाए गए थे. सबसे पहले उन सीटों पर नामों का ऐलान किया गया, जहां पार्टी की पकड़ बेहद कमजोर थी.

टिकट बंटवारे से पहले बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति ने चुनावी राज्यों की सीटों को 4 कैटेगरी में बांटा था. इन्हें A,B,C और D कैटेगरी में रखा था. A कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया था, जिन पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अक्सर जीत हासिल करते हैं. B कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया, जिनमें हार और जीत पिछले चुनाव में हो रही है. C कैटेगरी में उन विधानसभा क्षेत्रों को रखा गया था, जिसमें पार्टी के उम्मीद 2 बार हार चुके थे. जबकि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने D कैटेगरी में उन सीटों को रखा, जहां BJP कभी नहीं जीती और जिन पर उनकी स्थिति काफी खराब रही है.


सभी सीटों पर माइक्रो मैनेजमेंट
इस कैटेगरी के आधार पर ही सूबे में सभी सीटों का मैनेजमेंट किया गया. एमपी की पहली लिस्ट में जिन सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए, वह सी और डी कैटेगरी की सीटें थीं. लिहाजा बीजेपी 2018 के चुनाव में इन सीटों पर हारी थी. इनमें से कुछ सीटों तो ऐसी भी थीं, जिनमें वह 10 या इससे भी ज्यादा साल से हार रही थी. गेम पलटने के लिए बीजेपी को इस तरह की सीटों को मजबूत करने की जरूरत थी, ताकि चुनाव से पहले उन क्षेत्रों में पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया जा सके.

39 सीटों पर बीजेपी ने कैसे बनाई जीत की रणनीति
इन सीटों को जीतने के लिए बीजेपी ने चुनाव से करीब 100 दिन पहले नामों का ऐलान कर दिया. इससे प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के लिए न सिर्फ पर्याप्त समय मिला, बल्कि जीत की रणनीति बनाने और रूठों को मनाने के लिए भी समय मिल गया. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य के प्रत्येक मंडल में कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कीं और उनकी टीम के नेताओं को जीत का साफ मैसेज दिया. इसका पालन हुआ और बूथ स्तर तक इस मैसेज को फॉरवर्ड किया. यह चुनाव परिणामों में साफ तौर पर रिफ्लैक्ट हुआ.

बीजेपी के इन कैंडिडेट्स की हार ने चौंकाया
बीजेपी ने पहली लिस्ट में 39 नामों का ऐलान किया था. इसमें से 26 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की. जबकि कुछ कैंडिडेट्स को हार का सामना भी करना पड़ा है. इसमें गोहद से लाल सिंह आर्य को हार का मुंह देखना पड़ा है. जबकि भोपाल मध्य और भोपाल नॉर्थ भी बीजेपी के हाथ से फिसल गए. भोपाल उत्तर से पूर्व महापौर आलोक शर्मा मैदान में थे. उधर, जबलपुर पूर्व में अंचल सोनकर को भी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. झाबुआ में भानू भूरिया, तराना में ताराचंद्र, बेहर में भगत सिंह और बिछिया में विजय आनंद भी अपनी सीट नहीं बचा सके.

PM मोदी का फेस बना जीत की गारंटी
इन सीटों पर बीजेपी की जीत का सबसे बड़ा फैक्टर ये साबित हुआ कि पार्टी के नेताओं ने अपने क्षेत्र में प्रचार करने के साथ ही कमजोर कड़ियों को मजबूत करने वक्त मिल गया. इसके साथ ही कैंडिडेट्स वोटर्स के ये यकीन दिलाने में भी कामयाब हो गए कि अगर वह चुनाव जीतते हैं और सूबे में बीजेपी की सरकार आती है, तो डबल इंजन की सरकार से इस क्षेत्र का भरपूर विकास होगा. स्थानीय समस्याओं का समाधान किया जाएगा. इसके अलावा पीएम मोदी का चेहरा जीत की सबसे बड़ी गारंटी बन गया.

कांग्रेस के ये बड़े चेहरे भी नहीं बचा पाए सीट
इंदौर की राऊ सीट पर इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष मधु वर्मा ने पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को चुनावी मैदान में पटखनी दी. इसके अलावा इसके अलावा गोटेगांव में बीजेपी नेता महेंद्र नागेश ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को हराया. उधर, चाचौड़ा सीट से पहली बार चुनाव लड़ रहीं प्रियंका मीणा ने दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह को भारी वोटों के अंतर से हराया है.

100 दिन पहले हुआ था ऐलान, ये उम्मीदवार जीते

सीट        विजयी कैंडिडेट   कौन हारा किस पार्टी की हार जीत का अंतर
सबलगढ़ सरला विजेंद्र रावत  बैजनाथ कुशवाह कांग्रेस 9,805
सुमावली ऐदल सिंह कंसाना कुलदीप सिकरवार बसपा 16,008
पिछोर प्रीतम सिंह लोधी अरविंद सिंह लोधी कांग्रेस 21,882
चंदेरी जगन्नाथ रघुवंशी गोपाल सिंह चौहान कांग्रेस 21,768
चाचौड़ा प्रियंका मीणा लक्ष्मण सिंह कांग्रेस 61,570
बंडा वीरेंद्र सिंह तरवर सिंह लोधी कांग्रेस 34,751
महाराजपुर कामाख्या प्रताप  नीरज दीक्षित कांग्रेस 26,617
छतरपुर ललिता यादव आलोक चतुर्वेदी कांग्रेस 6,967
पथरिया लखन पटेल राव ब्रजेंद्र सिंह कांग्रेस 18,159
चित्रकूट सुरेंद्र सिंह गेहरवार नीलांशु चतुर्वेदी कांग्रेस 6,670
बड़वारा धीरेंद्र बहादुर सिंह  विजय राघवेंद्र सिंह कांग्रेस  50,993
बरगी नीरज सिंह लोधी  संजय यादव कांग्रेस 39,957
शाहपुरा ओमप्रकाश ध्रुर्वे भूपेंद्र मरावी कांग्रेस 5,617
लांजी राजकुमार हीना कांवरे कांग्रेस 2,773
बरघाट कमल मर्सकोले अर्जुन काकोड़िया कांग्रेस 17,081
गोटेगांव महेंद्र नागेश एनपी प्रजापति कांग्रेस 47,788
मुलताई चंद्रशेखर देशमुख सुखदेव पांसे कांग्रेस 14,482
भैंसदेही महेंद्र सिंह धर्मू सिंह कांग्रेस 8,230
सोनकच्छ राजेश सोनकर सज्जन कुमार वर्मा कांग्रेस 25,437
महेश्वर राजकुमार मेव विजयलक्ष्मी साधौ कांग्रेस 5,919
अलीराजपुर नागर सिंह चौहान मुकेश पटेल कांग्रेस 3,723
पेटलावद निर्मला भूरिया वालसिंह मेढ़ा कांग्रेस 5,647
धरमपुरी कालू सिंह ठाकुर पांचीलाल मेढ़ा कांग्रेस 356
राउ मधु वर्मा जीतू पटवारी कांग्रेस 35,522
घटिया सतीश मालवीय रामलाल मालवीय कांग्रेस 17,666
गुन्नौर राजेश कुमार वर्मा जीवनलाल सिद्धार्थ कांग्रेस  1,160

इन उम्मीदवारों को मिली हार 

सीट           विजयी कैंडिडेट    कौन हारा किस पार्टी की जीत जीत का अंतर
तराना महेश परमार ताराचंद्र गोयल कांग्रेस 2183
कुक्षी सुरेंद्र सिंह  जयदीप पटेल कांग्रेस 49888
झाबुआ विक्रांत भूरिया भानू भूरिया कांग्रेस 15693
कसरावद सचिन यादव आत्माराम पटेल कांग्रेस 5672
भोपाल मध्य आरिफ मसूद ध्रुव नारायण सिंह कांग्रेस 15891
भोपाल उत्तर आतिफ अकील आलोक शर्मा कांग्रेस 26987
पाढुंर्णा  नीलेश उइके प्रकाश भाऊ उइके कांग्रेस 10457
सौंसर विजय रेवनाथ नानाभाऊ मोहाड़ कांग्रेस 11542
बैहर संजय उइके भगत सिंह नेताम कांग्रेस 551
बिछिया नारायण सिंह पट्टा विजय आनंद मरावी कांग्रेस 11065
जबलपुर पूर्व लखन घनघोरिया अंचल सोनकर कांग्रेस 27741
पुष्पराजगढ़ फुंदेलाल मार्कों हीरा सिंह श्याम कांग्रेस 4486
गोहद केशव देसाई लाल सिंह आर्य कांग्रेस 607

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