लंदन। ब्रिटेन की स्वास्थ्य एजेंसी (UK health agency) ने 12 साल और उससे अधिक आयु के बच्चों को मॉडर्ना कोरोना वायरस टीका (modern corona virus vaccine) लगाने को मंजूरी दे दी है। मॉडर्ना इंका. द्वारा विकसित ‘स्पाइकवैक्स’ (spikewax) टीके को मंजूरी दे दी है। ये टीके 6 से 11 साल तक के बच्चों को लगेंगे।
ब्रिटेन की स्वास्थ्य एजेंसी ने 12 साल और उससे अधिक आयु के बच्चों को मॉडर्ना कोरोना वायरस टीका लगाने को मंजूरी दे दी है। ब्रिटेन में 12 से 17 साल के बच्चों को लगाया जाने वाला यह दूसरा कोविड-19 रोधी टीका होगा। इससे पहले इस आयु वर्ग के बच्चों को फाइजर का टीका लगाने की अनुमति दी जा चुकी है।
ब्रिटेन के दवा नियामक ने इस टीके को पूरी तरह सुरक्षित पाया है। ब्रिटेन की मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) के अनुसार मॉडर्ना की वैक्सीन स्पाइकवैक्स (Spikevax) सुरक्षा, गुणवत्ता व असर की कसौटी पर खरी उतरी है।
स्पाइकवैक्स को ब्रिटेन में 12 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए पहले ही मंजूरी दे दी गई थी। इसके बाद कम उम्र के बच्चों को यह वैक्सीन देने की मंजूरी दी गई। इससे कुछ घंटे पूर्व ही फ्रांसीसी फर्म वालनेवा की वयस्कों की वैक्सीन को मंजूरी दी गई थी। वालनेवा की वैक्सीन आसानी से स्टोर की जाने वाली कोरोना रोधी वैक्सीन है।
एमएचआरए के प्रमुख जून राइन का कहना है कि मॉडर्ना बयान में कहा कि यह टीकाकरण पर ब्रिटेन की संयुक्त समिति पर निर्भर करेगा कि वह देश के टीकाकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में मॉडर्ना के इस टीके को बच्चों को लगाने की इजाजत देगी या नहीं। मंजूरी मिल गई तो इसे ब्रिटेन के टीकाकरण अभियान में शामिल कर तेजी से बच्चों को लगाया जा सकेगा, ताकि उन्हें महामारी से बचाया जा सके।
एमएचआरए की प्रमुख ने कहा कि यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मॉर्डना की बनाई वैक्सीन स्पाइकवैक्स को ब्रिटेन में छह से 11 साल के बच्चों के लिए मंजूरी दी गई है। यह वैक्सीन इस आयु वर्ग के बच्चों के लिए सुरक्षित और प्रभावी है। स्पूतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन ने अब तक छह कोरोना रोधी टीकों को मंजूरी दी है। इनमें बायोएनटेक/फाइजर, जॉनसन एंड जॉनसन, मॉर्डना, नोवावैक्स, एस्ट्राजेनेका और वालनेवा के टीके शामिल हैं।
ब्रिटेन में कोरोना वायरस के मामले फिर बढ़ रहे हैं। गत माह हर 16 में से एक व्यक्ति संक्रमित मिला था। यह संक्रमण दर फरवरी में दर्ज की गई दर से दोगुनी है। फरवरी में हर 35 व्यक्ति की जांच में एक कोविड संक्रमित मिला था।
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