नई दिल्ली। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पहली भारत यात्रा पर 21 अप्रैल को अहमदाबाद पहुंचेंगे। उनका यह दौरा भारत-ब्रिटेन के द्विपक्षीय संबंधों के साथ ही मौजूदा वैश्विक भू-राजनैतिक हालात में संतुलन कायम करने में अहम है। भारत के साथ कारोबारी संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में ब्रिटिश पीएम को बड़ी निवेश की घोषणाओं के साथ स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अहम करार होने के आसार हैं।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक वक्तव्य में पीएम जॉनसन ने कहा, भारत की यात्रा उन चीजों पर खरी उतरेगी, जो दोनों देशों के लोगों के लिए वास्तव में मायने रखती हैं। इनमें रोजगार सृजन और आर्थिक विकास से लेकर ऊर्जा सुरक्षा एवं रक्षा तक के मुद्दे शामिल हैं। चूंकि, हम तानाशाह मुल्कों से शांति और समृद्धि को खतरे का सामना कर रहे हैं, इसलिए लोकतांत्रिक मित्र देशों का एकजुट होना जरूरी है।
21 अप्रैल को अहमदाबाद में पीएम नरेंद्र मोदी से करेंगे मुलाकात
जॉनसन गुजरात जाने वाले पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री होंगे। गुजरात में वह ब्रिटेन की तरफ से भारत के प्रमुख उद्योगों में बड़े निवेश की घोषणाएं करेंगे, जिससे दोनों देशों में रोजगार सृजन और विकास को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा विज्ञान, स्वास्थ्य एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग की घोषणाएं भी की जाएंगी।
इसके बाद 22 अप्रैल को नई दिल्ली में रणनीतिक रक्षा, कूटनीतिक और आर्थिक साझेदारी पर चर्चा होगी। संभव है इस दौरान पीएम जॉनसन मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पर ठोस प्रस्ताव रख सकते हैं, ताकि इसे जल्द अमल में लाया जा सके। इसके अलावा भारत के इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव (IPOI) में शामिल होकर ब्रिटेन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर एक प्रमुख भागीदार बनने की संभावना भी है।
रूस को लेकर नहीं बदलेगा भारतीय रुख
भारत अपनी ऊर्जा और सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए रूस के साथ अपने रणनीतिक संबंधों में किसी तरह का बदलाव करने का इच्छुक नहीं है। पिछले माह भारत दौरे पर आईं ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस की इस संबंध में दी गई सलाह को भारत पहले ही खारिज कर चुका है, जाहिर है ब्रिटिश पीएम का इस संबंध में किया गया कोई अनुरोध भारत के रुख में बदलाव नहीं लाएगा।
2030 तक दोगुना होगा व्यापार
भारतीय अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष मई में पीएम मोदी और जॉनसन के बीच हुई वर्चुअल बैठक में 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 23 बिलियन पाउंड से बढ़ाकर 46 बिलियन पाउंड करने पर सहमति बनी थी। लिहाजा, दो दिवसीय दौरे में इस लक्ष्य को हासिल करने का रोडमैप तैयार होगा।
एफटीए की दो दौर की हो चुकी है वार्ता
मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर अब तक दो दौर की बातचीत हो चुकी है। समझौते के 26 अध्यायों में से चार पर दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है, माना जा रहा है कि अगर ब्रिटेन थोड़ा नर्म रुख अपनाए तो बाकी 22 अध्यायों पर भी जल्द सहमति बन सकती है। इस बार दोनों नेता इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक समयसीमा तय कर सकते हैं।