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Budget 2023: गिफ्ट्स पर लगने वाला टैक्स हटने की उम्मीद

नई दिल्ली (New Delhi)। आम बजट (general Budget 2023) आने में बस कुछ ही दिन बचे हैं. आने वाले बजट से लोगों को कई उम्मीदें हैं. जिस में से एक है गिफ्ट्स पर से टैक्स (tax on gifts) हटाने की उम्मीद है। बता दें कि भारत (India) में गिफ्ट टैक्स (gift tax) 1958 में पेश किया गया था. यह कुछ विशेष परिस्थितियों (certain circumstances) में 50,000 रुपये से अधिक के उपहार देने और लेने पर लगाया जाता है. सरकार ने 1998 में इसे खत्म कर दिया था. हालांकि, इसे 2004 में एक नए रूप में फिर से प्रस्तुत किया गया था और इसे आयकर प्रावधानों (income tax provisions) में शामिल किया गया था।

यदि उपहार का मूल्य 50,000 रुपये से अधिक है, तो उपहार पर उपहार प्राप्त करने वाले व्यक्ति की आय के रूप में कर लगाया जाता है. उपहार नकद, आभूषण, संपत्ति, शेयर, वाहन आदि सहित किसी भी रूप में हो सकते हैं।


गौरतलब है कि राजनीतिक पार्टियों को मिले चंदे पर कोई टैक्स नहीं लगता है. ऐसे में आम आदमी उम्मीद कर रहा है कि बजट में इस टैक्स को हटाया जा सकता है।

आयकर अधिनियम की धारा 56 (2) के अनुसार, एक वित्तीय वर्ष में प्राप्त उपहारों पर स्लैब दर के अनुसार “अन्य स्रोतों से आय” के रूप में कर लगाया जा सकता है. हालांकि, परिवार के करीबी सदस्यों के उपहारों को छूट दी गई है. हालांकि दिवाली गिफ्ट आम तौर पर देने वाले व्यक्ति पर निर्भर करता है। आयकर कानून, 1961 के सेक्शन 56(2)(x) के तहत करदाता को मिले गिफ्ट्स पर कर देनदारी बनती है. टैक्स के दायरे में आने वाले गिफ्ट्स में ये चीजें शामिल हैं।

कार पर नहीं लगता कोई टैक्स
आयकर अधिनियम के तहत 50,000 रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति जैसे शेयर और प्रतिभूतियां, गहने, पुरातात्विक संग्रह, चित्र, पेंटिंग, मूर्तियां और कला या बुलियन आदि कोई भी चीज के शामिल हो सकती है. हालांकि, कार संपत्ति के दायरे में नहीं आती है. इसलिए कार उपहार कर के अधीन नहीं हो सकते हैं।

इनसे मिले गिफ्ट पर टैक्स में छूट
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 56 के तहत रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट टैक्स फ्री होते हैं. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक, पति, पत्नी, भाई, बहन, पति और पत्नी के भाई बहन यानी साला और साली, पेरेंट्स के भाई बहन यानी मामा और चाचा, जिन लोगों से खून का रिश्ता हो, या पति पत्नी का जिन लोगों से ब्लड रिलेशन हो, वे रिश्तेदारों की श्रेणी में आते हैं. इन लोगों से मिले किसी भी प्रकार के गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता है. लेकिन दोस्त रिश्तेदारों की श्रेणी में नहीं आते हैं इनसे मिलने वाले गिफ्ट पर टैक्स लगता है।

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