भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

उपचुनाव में जीत का गणित बिगाड़ेगा जयस

  • खंडवा और जोबट सीट पर चुनाव लडऩे की तैयारी

भोपाल। मप्र में एक लोकसभा (Lok Sabha) और तीन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस (BJP & Congress) की जीत की राह में जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन यानि जयस रोड़ा बन सकता है। क्योंकि जयस उपचुनाव में ताल ठोकने के लिए सक्रिय हो रहा है। उसकी सक्रियता ने कांग्रेस और भाजपा (BJP & Congress) के माथे पर बल ला दिया है। चुनाव 4 सीटों पर है उनमें से मालवा में आने वाली दो सीटों पर जयस अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है।
मप्र (MP) में होने वाले उपचुनाव में जयस चुनाव भले ही न जीते लेकिन उसकी सक्रियता भाजपा और कांग्रेस (BJP & Congress) की टेंशन बढ़ा रहा है। खासतौर से खंडवा लोकसभा और जोबट विधानसभा (Khandwa Lok Sabha and Jobat Assembly) सीट पर जय आदिवासी युवा संगठन सक्रिय हो गया है। वो दोनो सीटों पर चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहा है। इन दोनों सीट पर आदिवासी वोटर निर्णायक साबित होते हैं, इसलिए भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रहीं है।

जोबट से अलावा
हाल ही में महू में जयस के प्रदर्शन में शामिल होने की वजह से निलंबित किए गए पटवारी नीतेश अलावा को जोबट सीट पर चुनाव लड़ाने की तैयारी की जा रही है। कांग्रेस के विधायक और जयस को खड़ा करने वाले हीरालाल अलावा का कहना है खंडवा और जोबट उपचुनाव जय आदिवासी युवा संगठन पूरी ताकत से लड़ेगा। इसकी तैयारी चल रही है। हालांकि कांग्रेस यदि युवा आदिवासी को मौका देती है तो मिलकर चुनाव लडऩे पर भी विचार किया जा सकता है।

95 सीटों पर निर्णायक भूमिका
प्रदेश में वैसे तो आदिवासियों की आबादी 22 फीसदी है और ये विधानसभा की 95 सीटों पर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। लेकिन अभी चार सीटों पर उपचुनाव होना है। इनमें खंडवा लोकसभा के अलावा जोबट, पृथ्वीपुर और रैगांव विधानसभा के लिए उपचुनाव है। खंडवा लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा की सीटें हैं, जिनमें से 4 सीटें आरक्षित हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात इस क्षेत्र में 6 लाख से ज्यादा आदिवासी वोटर हैं, जो चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं।

भाजपा पर भी पड़ेगा असर
खंडवा लोकसभा सीट बीजेपी के नंदकुमार सिंह चौहान के कोरोना से निधन के कारण खाली हुई है। जोबट विधानसभा सीट कांग्रेस की विधायक कलावती भूरिया के कोरोना के कारण निधन से खाली हुई है। भाजपा इन दोनों सीटों पर फतह के लिए अपनी अलग रणनीति बना रही है। अभी हाल ही में भाजपा कार्यसमिति की बैठक में भी इस पर चर्चा हो चुकी है। वो योग्य उम्मीदवारों की तलाश में है। लेकिन जयस, कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के लिए चुनौती बनी हुई है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती का कहना है कांग्रेस के लिए जयस सबसे बड़ी चुनौती है। भाजपा का अपना वोट बैंक है, इसलिए जयस भाजपा के लिए कोई चुनौती नहीं है। हम विकास के मुद्दे पर उपचुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे।

जयस ने बदले समीकरण
दमोह सीट पर उपचुनाव में मिली जीत से कांग्रेस उत्साहित है हालांकि जयस ने उसकी खुशी में थोड़ा खलल जरूर डाल दिया है। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष अर्चना जायसवाल का कहना है कांग्रेस खंडवा और जोबट समेत सभी चारों उपचुनाव जीतेगी। आदिवासी भी कांग्रेस के साथ हैं। कोरोना और महंगाई के कारण लोग खासे परेशान हैं। इसलिए वे कांग्रेस के पक्ष में वोट देने का मन बना चुके हैं। जिस तरह जयस का युवा नेतृत्व मैदान में उतर गया है, उसे देखकर लग रहा है कि खंडवा हो या जोबट उपचुनाव कोई भी पार्टी आदिवासी युवाओ को नजरअंदाज करने की हालत में नही है। इसीलिए कांग्रेस खंडवा से किसी आदिवासी युवा चेहरे को उतारने की रणनीति पर काम कर रही है।

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