• img-fluid

    MCD कमेटी चुनाव से पहले दिल्‍ली उपराज्यपाल की बढ़ी शक्तियां, आयोग-बोर्ड का गठन और नियुक्तियां का मिला अधिकार

  • September 04, 2024

    नई दिल्‍ली । MCD में 12 वार्ड समितियों (Ward Committees) के चुनाव (Election) से ठीक पहले केंद्र सरकार (Central government) ने दिल्ली के उपराज्यपाल (Delhi Lieutenant Governor) को शक्तियां बढ़ा दी हैं. इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. LG को अब दिल्ली महिला आयोग, दिल्ली विद्युत नियामक आयोग जैसे किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड और आयोग के गठन का पूर्ण अधिकार दे दिया गया है. गजट ​नोटिफिकेशन में कहा गया, ‘राष्ट्रपति ने संसद द्वारा अधिनियमित कानूनों के तहत दिल्ली के लिए किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या वैधानिक निकाय का गठन और सदस्यों की नियुक्ति करने की शक्ति उपराज्यपाल को सौंपी है.’

    गजट अधिसूचना के सार्वजनिक होने के तुरंत बाद लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने बड़ा कदम उठाया है और MCD वार्ड समिति चुनावों के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति की है. इससे पहले मंगलवार देर शाम मेयर शैली ओबेरॉय ने चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति करने से इनकार कर दिया था. शैली का कहना था कि उनकी अंतरात्मा उन्हें ‘अलोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया’ में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं देती है. अब उपराज्यपाल ने आदेश दिया है कि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और स्थायी समिति के सदस्यों के पदों के लिए चुनाव निर्धारित कार्यक्रम (4 सितंबर) के अनुसार ही होंगे.


    अधिसूचना में क्या कहा गया?
    फिलहाल, अधिसूचना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली शासन अधिनियम, 1991 (1992 का 1) की धारा 45डी के साथ संविधान के अनुच्छेद 239 के खंड (1) के तहत जारी की गई है. अधिसूचना में कहा गया है, राष्ट्रपति निर्देश देती हैं कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल, राष्ट्रपति के नियंत्रण के अधीन रहते हुए तथा अगले आदेश तक उक्त अधिनियम की धारा 45डी के खंड (क) के अधीन राष्ट्रपति की शक्तियों का प्रयोग किसी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय के गठन के लिए करेंगे. चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाता हो या ऐसे प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय में किसी सरकारी अधिकारी या पदेन सदस्य की नियुक्ति के लिए करेंगे.

    संविधान का अनुच्छेद 239 केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन से संबंधित है. इसमें कहा गया है, संसद द्वारा कानून द्वारा अन्यथा प्रदान किए गए को छोड़कर, प्रत्येक केंद्र शासित प्रदेश को राष्ट्रपति द्वारा उस सीमा तक प्रशासित किया जाएगा, जहां तक ​​वह उचित समझे. एक प्रशासक के माध्यम से जिसे वह निर्दिष्ट पदनाम के साथ नियुक्त करेगा.

    अनुच्छेद 239 कहता है कि पार्ट VI में निहित किसी भी बात के बावजूद राष्ट्रपति किसी राज्य के राज्यपाल को निकटवर्ती केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक के रूप में नियुक्त कर सकता है और जहां एक राज्यपाल को नियुक्त किया जाता है, वह अपने मंत्रिपरिषद से स्वतंत्र रूप से ऐसे प्रशासक के रूप में अपने कार्यों का प्रयोग करेगा.

    राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली शासन (संशोधन) अधिनियम, 2023 की धारा 45डी प्राधिकरणों, बोर्डों, आयोगों या वैधानिक निकायों की नियुक्ति करने की शक्ति से संबंधित है.

    Share:

    निवेशकों का 10 हजार करोड़ लौटाने के लिए अपनी संपत्ति बेच सकता है सहारा समूह, SC ने दी बड़ी राहत

    Wed Sep 4 , 2024
    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से सहारा समूह (Sahara Group) को बड़ राहत मिली है। मंगलवार को एक सुनवाई के दौरान देश की सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) ने कहा कि निवेशकों का पैसा लौटाने (Returning investors’ money) के लिए सेबी-सहारा रिफंड खाते (SEBI-Sahara Refund Account) में करीब 10,000 करोड़ रुपये (Rs 10,000 crore) जमा […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    बुधवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved