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केन्‍द्र सरकार का राज्‍यों को निर्देश, सर्दी-खांसी, बुखार, सांस फूलना जैसे लक्षणों तत्‍काल करें कोरोना टेस्‍ट

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार (central government) ने राज्यों को निर्देश दिया है कि कोई भी व्यक्ति खांसी(cough), सिरदर्द(headache), गले में खराश(sore throat), सांस फूलना(breathlessness), शरीर में दर्द(body aches),स्वाद या गंध(taste or smell), थकान और दस्त (tiredness and diarrhea) की शिकायत करे तो उसे संदिग्ध मानते हुए उसका तुरंत कोरोना टेस्‍ट किया जाना चाहिए. केंद्र सरकार (central government) ने राज्यों को बढ़ते कोरोना पॉजिटिविटी रेट (Positivity Rate) को लेकर आगाह किया है. केंद्र ने कहा है कि देश के कई हिस्सों में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट में तेजी से इजाफा हो रहा है जिसे ध्यान में रखते हुए टेस्ट में तेजी लाई जाए. केंद्र ने राज्यों से कहा कि RTPCR के अलावा रैपिड एंटीजन टेस्ट (Rapid Antigen Test) का इस्तेमाल करें और साथ ही ICMR से स्वीकृत होम टेस्टिंग किट को यूज में ला सकते हैं जिससे कि कोरोना के पॉजिटिव केस की जांच समय पर हो सकें और वक्त पर ऐसे पॉजिटिव मरीजों को आइसोलेट करवाया जा सके.



केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और आईसीएमआर चीफ बलराम भार्गव की संयुक्त चिट्ठी में इस बात का जिक्र है कि RTPCR से जांच रिपोर्ट आने में देरी हो सकती है इसलिए राज्य सरकारें रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें. इस बीच बताया गया है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज के गंभीर होने का खतरा संभवतः कम है, फिर भी इस नए वेरिएंट से प्रभावित बड़ी संख्या का एक छोटा प्रतिशत भी बहुत अधिक है और स्वास्थ्य प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि इस बात पर जोर दिया जाना चाहिए कि कोरोना के मामलों के मौजूदा उछाल के दौरान कोई भी व्यक्ति खांसी, सिरदर्द, गले में खराश, सांस फूलना, शरीर में दर्द,स्वाद या गंध, थकान और दस्त की शिकायत करे तो उसे संदिग्ध मानते हुए उसका तुरंत कोरोना टेस्‍ट किया जाना चाहिए. टेस्ट के रिजल्ट को देखते हुए, उन्हें तुरंत आइसोलेशन में रहने सलाह दी जानी चाहिए. ऐसे लोगों को स्वास्थ्य मंत्रालय के आइसोलेशन के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए.
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में ‘ओमिक्रॉन’ के 309 नए मामले सामने आने के बाद, देश में इस स्वरूप के मामले बढ़कर 1,270 हो गई. सामने आए 1,270 मामलों में से, 374 लोग स्वस्थ हो गए या अन्य स्थानों पर चले गए हैं. भारत में महाराष्ट्र में सबसे अधिक 450 मामले सामने आए. इसके बाद दिल्ली में 320, केरल में 109 और गुजरात में 97 मामले सामने आए हैं.

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